अंतराष्ट्रीय - Swar Swatantra https://swarswatantra.in Latest News | Breaking News | Live News Wed, 23 Apr 2025 12:55:49 +0000 hi-IN hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://swarswatantra.in/wp-content/uploads/2021/06/swarswatantra-2-150x150.png अंतराष्ट्रीय - Swar Swatantra https://swarswatantra.in 32 32 डी एम पहुंचे गेहूँ के खेत में https://swarswatantra.in/archives/10764?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25a1%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%258f%25e0%25a4%25ae-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%259a%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%2581-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25a4-%25e0%25a4%25ae https://swarswatantra.in/archives/10764#respond Wed, 23 Apr 2025 12:55:49 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10764 जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को भिटालगाँव में किसान दान सिंह के खेत में गेहूँ की क्रॉप कटिंग का निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम 2024-25 के लिए गेहूँ की औसत उपज का आकलन करना है, जो राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत फसल क्षतिपूर्ति के आंकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्रॉप कटिंग ... Read more

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जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को भिटालगाँव में किसान दान सिंह के खेत में गेहूँ की क्रॉप कटिंग का निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम 2024-25 के लिए गेहूँ की औसत उपज का आकलन करना है, जो राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत फसल क्षतिपूर्ति के आंकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्रॉप कटिंग के दौरान निर्धारित 30 वर्ग मीटर का प्लाट बनाकर गेहूँ फसल की कटाई की गई। कटाई के बाद इस प्लाट से कुल 12.300 किलोग्राम गेहूँ की बालियाँ प्राप्त हुईं। 60 प्रतिशत का ड्राई रेशियो लगाने पर अनुमानित उपज 7.38 किलोग्राम रही। क्रॉप कटिंग प्रयोग शासन द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत बीमा किए गए फसलों पर बीमा धनराशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है, और क्षति का आंकलन इन्हीं क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त पैदावार के आंकडों के आधार पर किया जाता है।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी मोनिका, तहसीलदार दलीप सिंह, अपर संख्याधिकारी विनोद किस्वाण सहित किसान मौजूद रहे।

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भूमाफिया संस्कृति के ख़िलाफ़ कार्यवाही : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10762?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ad%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ab%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2583%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25bf-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2596%25e0%25a4%25bc%25e0%25a4%25bf https://swarswatantra.in/archives/10762#respond Wed, 23 Apr 2025 10:42:57 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10762 कौसानी में राज्य सरकार व कुमाऊं आयुक्त के निर्देशन में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी व्यक्तियों द्वारा आवासीय जमीन पर रिसॉर्ट और होटल बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार व आयुक्त महोदय के आदेशों के क्रम में कौसानी में जांच की गई, जिसमें ... Read more

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कौसानी में राज्य सरकार व कुमाऊं आयुक्त के निर्देशन में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी व्यक्तियों द्वारा आवासीय जमीन पर रिसॉर्ट और होटल बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार व आयुक्त महोदय के आदेशों के क्रम में कौसानी में जांच की गई, जिसमें 9 ऐसे मामले पाए गए थे जिनमें आवासीय प्रयोजन में जमीन खरीदी गई थी और गैर-आवासीय कार्य किए जा रहे थे।

इनमें से 6 मामलों का निस्तारण हो गया है, जमींदारी विनाश अधिनियम 1950 धारा 166/167 में उनकी जमीन को राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। इसमें एक जनार्दन रिसॉर्ट भी शामिल है, जिसके मालिक अतुल कुमार सिंह और उमेश कुमार व गार्गी पत्नी उमेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

उपजिलाधिकारी ने कहा कि भूमि संबंधी कोई भी उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक सबक है जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और सरकारी जमीन या आवासीय जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं।

इस कार्रवाई से कौसानी के विकास और संरक्षण में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण किया जा सके।

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पर्यटकों का कौसानी के प्रति घटता रुझान https://swarswatantra.in/archives/10751?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%259f%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258c%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0 https://swarswatantra.in/archives/10751#respond Mon, 21 Apr 2025 02:54:46 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10751 क्यों कम होने लगा कौसानी, बैजनाथ के प्रति पर्यटकों का रुझान ? यह सवाल अब कौसानी बैजनाथ के होटल व्यवसाइयों के लिए चिंता का सबब बन चुका है। विगत दो वर्षो में उत्तराखण्ड के धधकते वनों ने पर्यटन को प्रभावित किया है तो दूसरी ओर नैनीताल के कैंची धाम में बेतहाशा भीड़ और ट्रेफिक जाम ... Read more

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क्यों कम होने लगा कौसानी, बैजनाथ के प्रति पर्यटकों का रुझान ? यह सवाल अब कौसानी बैजनाथ के होटल व्यवसाइयों के लिए चिंता का सबब बन चुका है। विगत दो वर्षो में उत्तराखण्ड के धधकते वनों ने पर्यटन को प्रभावित किया है तो दूसरी ओर नैनीताल के कैंची धाम में बेतहाशा भीड़ और ट्रेफिक जाम की समस्या ने पर्यटकों का रूझान उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटक स्थलों के प्रति कम किया है। अब पर्यटक कैंची धाम से मुक्तेश्वर और नैनीताल का रूख करने लगे हैं। कौसानी के व्यापारी और होटल कारोबारियों का मानना था कि कौसानी में शराब की दुकान खुलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा लेकिन जगह-जगह लगने वाले ट्रेफिक जाम ने पर्यटकों का कौसानी मोह भंग किया है। शराब की दुकानों के साथ सरकार को सड़क यातायात संबंधी मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। व्यापारी कहने लगें हैं कि कैंची धाम से वापस जा रहे हैं पर्यटक। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहा है पर्यटन विभाग ?
अप्रैल मई में कौसानी और बैजनाथ पर्यटकों से गुलजार रहते थे। कोविड के बाद विगत दो सालों में कौसानी और बैजनाथ में पर्यटकों की आमद कम होने से होटल और लोकल व्यवसाई परेशान और चिंतित हैं। होटल एसोसियन और व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि कौसानी में पर्यटकों के लिए मनोरंजन के विकल्प होने चाहिए । यातायात को और सुगम बनाना होगा। कैंची धाम में लगातार जाम लगने से पर्यटक आगे का रुख करने से कतराते हैं। क्या सरकार के पास ट्रैफिक जाम से निपटने का कोई तरीका नहीं है ? इस वजह से कौसानी और बैजनाथ में पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं। होटल व्यवसाय चौपट हो गया है। हेली सेवा का लाभ पर्यटकों को मिले इसके लिए हैली पैड से कौसानी तक टैक्सी की सुविधा देनी चाहिए। बैजनाथ के व्यापारियों ने कहा कि बैजनाथ में संग्रहालय और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, इस कारण पर्यटकों को ऐतिहासिक शोध से वंचित होना पड़ता है, शौचालय की सुविधा नहीं मिल पाती है। सरकार इस दिशा में जल्दी काम करेगी तो उसका असर पर्यटन पर पड़ेगा।
विपिन जोशी, गरुड़

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सवाल आस्था का है : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10722?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b2-%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25a5%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2588-%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25a8-%25e0%25a4%259c%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%25b6 https://swarswatantra.in/archives/10722#respond Sun, 06 Apr 2025 01:57:33 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10722 सवाल आस्था का है उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध शक्ति पीठ कोट भ्रामरी में चैत की नवरात्री में लगता है दियारी मेला। संतान प्राप्ति की चाह में महिलाएं जलते दिए को हाथ में लेकर रात भर खड़ी रहती हैं। यह एक कठिन तपस्या जैसा ही है। मंदिर के अंदर बहुत से दिए जलते हैं और कार्बन डॉइआक्साइड ... Read more

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सवाल आस्था का है
उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध शक्ति पीठ कोट भ्रामरी में चैत की नवरात्री में लगता है दियारी मेला। संतान प्राप्ति की चाह में महिलाएं जलते दिए को हाथ में लेकर रात भर खड़ी रहती हैं। यह एक कठिन तपस्या जैसा ही है। मंदिर के अंदर बहुत से दिए जलते हैं और कार्बन डॉइआक्साइड बनती है। आम तौर पर उस स्थान में आम जन दस मिनट नहीं ठहर सकता लेकिन संतान प्राप्ति की चाह में महिलाएं रात भर जलते दिए को हाथ में लेकर माता रानी का ध्यान करती हैं। मंदिर के प्रांगण में अन्य महिलाएं रात भर जगराता करती हैं भजन संध्या का आयोजन होता है। भक्तों की ओर से भण्डारे की व्यवस्था भी की जाती है। अगाध आस्था के बीच कोई यह सवाल नहीं करता कि रात भर दिया हाथ में लेकर खड़े रहने से संतान प्राप्ति कैसे हो जाएगी। जहां मेडिकल सांइस हार गया वहीं से शुरू होती है आस्था की जीत। यह बिल्कुल वैसा ही है कि मानो तो देवता न मानो तो पाषाण। मन की धारणाएं और प्रबल विश्वास ही आस्था है इसी से जन्म लेती है मान्यताएं। ऐसा नहीं कि इस मान्यता को यूं ही मान लिया जाए। क्षेत्र की उन महिलाओं से बात की जिन्होने दियारी व्रत लिया और उनको निश्चित समय में संतान प्राप्ति हुई। गरूड़ क्षेत्र में ही ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे या कहें कि प्रत्येक गॉव में ऐसे उदाहरण हैं। लेकिन व्यक्तिगत सूचनाएं होने की वजह से नाम सार्वजनिक नहीं किए जाते। दियारी मेले में एक मित्र मिले उन्होने कहा कि शादी के सात साल बाद दियारी मेले में व्रत लेने के बाद उनको संतान प्राप्ति हुई। यही वजह है कि दियारी मेले में निःसंतान दंपती दूर-दूर से यहां आते हैं और व्रत अनुष्ठान करने के बाद संतान प्राप्ति का सुख भोगते हैं।
कुमॉउ ही नहीं वरन गढ़वाल क्षेत्र से भी भक्त कोट भ्रामरी मंदिर में दियारी व्रत लेने आते हैं। इस व्रत के दौरान 24 घंटे तक बिना पानी पिए जलता दिया हाथ में लेकर मां का ध्यान लगाना होता है। व्रत वाली महिलाओं के साथ कोई एक महिला उनके परिवार से होती है जो रात भर दिए में तेल डालती है, दिया 24 घंटे तक अखण्ड रहना चाहिए यह महत्वूर्प शर्त होती है। दियारी व्रत संपन्न होने के बाद विधि विधान से पूजा पाठ करती है और व्रत संपन्न होता है। कोट भ्रामरी का दियारी मेला उत्तराखण्ड में प्रसिद्ध है। आस्था और विश्वास से हजारों निःसंतान दंपतियों को संतान का सुख मिला है। कुछ लोग इसे पुत्र प्राप्ति व्रत से भी प्रचारित करते हैं, यह शोध का विषय हो सकता है लेकिन संतान प्राप्ति के लिए दंपती यहां सदियों से जुटते रहें हैं। चैत मॉह में कोट भा्रमरी का आभा मंडल आस्था से परिपूर्ण और माता के जयकारों से गूंजायमान रहता है।

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कहां रोपित हैं आईपीएल के पेड़ : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10719?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25a4-%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2588%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%2588%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%2580%25e0%25a4%258f%25e0%25a4%25b2-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25aa https://swarswatantra.in/archives/10719#respond Thu, 03 Apr 2025 01:57:42 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10719 आईपीएल में बीसीसीआई और टाटा ग्रुप की साझेदारी के तहत प्लेऑफ मैचों में प्रति डॉट बॉल 500 पेड़ लगाए जाते हैं। यह एक शानदार पहल है। आईपीएल के बढ़ते ग्लैमर के बीच पर्यावरण संरक्षण का विचार शुभ है। जिस तेजी से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है धरती में पेड़ो की संख्या उसी अनुपात में घट ... Read more

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आईपीएल में बीसीसीआई और टाटा ग्रुप की साझेदारी के तहत प्लेऑफ मैचों में प्रति डॉट बॉल 500 पेड़ लगाए जाते हैं। यह एक शानदार पहल है। आईपीएल के बढ़ते ग्लैमर के बीच पर्यावरण संरक्षण का विचार शुभ है। जिस तेजी से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है धरती में पेड़ो की संख्या उसी अनुपात में घट भी रही है। क्रिकेट के प्रति एशिया में खूब लोक प्रियता है, प्रति डाट बाल 500 पेड़ लगाने का संदेश विश्व भर में सकारात्मक संदेश देगा। पेड़ लगाने को यह पहल 2023 से शुरू हुई थी और 2025 तक जारी है। अब तक के आंकड़ों के आधार पर कुल पेड़ों की संख्या और उनके स्थानों का विवरण इस प्रकार है:आईपीएल 2023: प्लेऑफ में 294 डॉट बॉल्स हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 1,47,000 पेड़ लगाए गए।
आईपीएल 2024: प्लेऑफ में 323 डॉट बॉल्स हुईं, जिससे 1,61,500 पेड़ लगाए गए।
आईपीएल 2025: खबर लिखे जाने तक (2 अप्रैल 2025 तक)
पूरे टूर्नामेंट में 312 डॉट बॉल्स दर्ज की गई हैं, जिसका मतलब है कि 1,56,000 पेड़ लगाए जा चुके हैं या लगाए जाने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि, यह संख्या पूरे सीजन की है, न कि सिर्फ प्लेऑफ की, और सीजन अभी चल रहा है। प्लेऑफ के आंकड़े बाद में अपडेट होंगे।कुल पेड़ (2023 से 2025 तक अब तक):
1,47,000 (2023) + 1,61,500 (2024) + 1,56,000 (2025 अब तक) = 4,64,500 पेड़। यह अनुमानित आंकड़ा है, क्योंकि 2025 का सीजन पूरा नहीं हुआ है और प्लेऑफ के आंकड़े अभी शामिल नहीं हैं। ये पद कहां लगाए गए ?
ये पेड़ पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर लगाए जाते हैं ताकि पर्यावरणीय प्रभाव व्यापक हो। कुछ राज्यों जैसे असम, गुजरात, कर्नाटक, केरल, और शहरों जैसे चेन्नई, अहमदाबाद, और बेंगलुरु (जहां बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 4,00,000 वां पेड़ लगाया गया) का जिक्र मिलता है। हालांकि, सटीक स्थानों की पूरी सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बीसीसीआई और टाटा ग्रुप ने विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है। 2025 का सीजन अभी चल रहा है, इसलिए अंतिम आंकड़े मई 2025 के बाद ही स्पष्ट होंगे। तब तक कुल संख्या और बढ़ सकती है।

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कब खुलेगा बैजनाथ संग्रहालय : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10704?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25ac-%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%2597%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25ac%25e0%25a5%2588%25e0%25a4%259c%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a5-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25be https://swarswatantra.in/archives/10704#respond Thu, 03 Apr 2025 01:18:59 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10704 बैजनाथ संग्रहालय, जो 1983 से बंद पड़ा है और जिसमें सातवीं सदी की 108 ऐतिहासिक मूर्तियां संरक्षित हैं, के खुलने की मांग लंबे समय से उठती रही है। हाल ही में कत्यूर महोत्सव की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे को फिर से जोर-शोर से उठाया गया। हाल में गुमानी पंत पुरस्कार से सम्मानित गोपाल दत्त ... Read more

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बैजनाथ संग्रहालय, जो 1983 से बंद पड़ा है और जिसमें सातवीं सदी की 108 ऐतिहासिक मूर्तियां संरक्षित हैं, के खुलने की मांग लंबे समय से उठती रही है। हाल ही में कत्यूर महोत्सव की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे को फिर से जोर-शोर से उठाया गया। हाल में गुमानी पंत पुरस्कार से सम्मानित गोपाल दत्त भट्ट ने कहा संग्रहालय के खुलने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राजस्व में वृद्धि होगी और कत्यूरी काल के समृद्ध इतिहास, संस्कृति व आस्था का प्रसार भी संभव हो सकेगा।
साहित्यकार मोहन जोशी ने कहा कि गरुड़ में हेली सेवा शुरू होने से पर्यटकों का बैजनाथ धाम तक पहुंच आसान हुआ है, जिससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की संभावना बढ़ी है। ऐसे में संग्रहालय का बंद रहना एक बड़ा अवरोध हो सकता है।
पूर्व विधायक ललित फर्सवान ने इस मांग का पुरजोर समर्थन किया है। उनका कहना है कि बैजनाथ धाम, जो भारत और वैश्विक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, कत्यूरी शासन के एक हजार साल के इतिहास को अपने में समेटे हुए है। इस क्षेत्र के मंदिर, जो कत्यूरी काल में बने, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।
हालांकि, संग्रहालय के ताले कब खुलेंगे, इस सवाल का अभी कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है। यह मामला स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है। संग्रहालय को खोलने के लिए सरकारी स्तर पर योजना, बजट और संरक्षण कार्यों की जरूरत होगी, जिसमें समय लग सकता है। फिर भी, जनता की मांग और कत्यूर महोत्सव की समीक्षा बैठक में उठे स्वरों से यह स्पष्ट है कि इस दिशा में जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है। संग्रहालय के खुलने से न सिर्फ बैजनाथ की धरोहर को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन मानचित्र पर और भी प्रमुखता से उभरेगा।
फिलहाल, इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जन दबाव और समर्थन को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि कत्यूर महोत्सव में उसे जनता के लिए खोला जाए।
विपिन जोशी
संपादक,स्वर स्वतंत्र

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बढ़ते आवारा पशु https://swarswatantra.in/archives/10679?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2580%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25b5%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%2580 https://swarswatantra.in/archives/10679#respond Sat, 29 Mar 2025 01:32:50 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10679 विपिन जोशी गरुड़ में आवारा पशुओं के खिलाफ बढ़ता आक्रोश, संवेदनाओं का हनन और प्रशासन की चुप्पी । गरुड़ में आवारा पशुओं पर लोगों का गुस्सा अब थमने का नाम नहीं ले रहा। मानवीय संवेदनाओं का हर दिन मखौल उड़ रहा है। एक तरफ गाय को माता का दर्जा देकर गगरास खिलाने की परंपरा निभाई ... Read more

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विपिन जोशी
गरुड़ में आवारा पशुओं के खिलाफ बढ़ता आक्रोश, संवेदनाओं का हनन और प्रशासन की चुप्पी ।
गरुड़ में आवारा पशुओं पर लोगों का गुस्सा अब थमने का नाम नहीं ले रहा। मानवीय संवेदनाओं का हर दिन मखौल उड़ रहा है। एक तरफ गाय को माता का दर्जा देकर गगरास खिलाने की परंपरा निभाई जाती है, धार्मिक आयोजनों में गौदान से पुण्य कमाया जाता है और वैतरणी पार करने का विश्वास जताया जाता है, वहीं दूसरी ओर जब वही गाय दूध देना बंद कर देती है, तो उसे सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया जाता है। यह कैसी धार्मिकता है? क्या यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा नहीं ?
महिलाओं का आंदोलन और गौ सेवा सदन पर दबाव ,आवारा मवेशियों के खिलाफ आक्रोश अब सड़कों पर उतर आया है। बैजनाथ, गागरीगोल और भकुनखोला से आई महिलाओं का एक दल पहले बहुउद्देशीय शिविर गरुड़ पहुंचा और फिर नारेबाजी करते हुए गौ सेवा सदन तक मार्च किया। वहां उन्होंने आवारा मवेशियों को फिर से गौ सदन में बांध दिया। पिछले दो महीनों से ये महिलाएं कभी तहसील तो कभी गौ सेवा सदन में मवेशियों को छोड़कर अपना विरोध जता रही हैं। गौ सेवा सदन के संचालक विनोद कांडपाल का कहना है कि उनके पास अब अतिरिक्त मवेशियों के लिए जगह नहीं बची। वर्तमान में 130 मवेशी पहले से मौजूद हैं, जिसके चलते स्थिति अनियंत्रित हो रही है। महिलाएं अपनी एक सूत्रीय मांग पर अडिग हैं। उनका कहना है कि गौ सदन को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए, ताकि अधिक मवेशियों को आश्रय मिल सके। यह मांग न केवल जायज है, बल्कि गंभीर हालात को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जरूरत को भी उजागर करती है।
सरकारी योजना लंबित
जिला पशु अधिकारी के अनुसार, गरुड़ के जैसर में 6 नाली भूमि पर 58 लाख 50 हजार रुपये की लागत से 150 मवेशियों के लिए एक गौशाला बनाने की योजना स्वीकृत हुई है। लेकिन यह योजना अभी शासन स्तर पर अटकी पड़ी है और निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। कागजों में भले ही योजना तैयार हो, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई प्रगति नजर नहीं आती।
प्रशासन की खामोशी और चुनावी चुनौती।
आवारा पशुओं की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सिर पर हैं, और यह मुद्दा कहीं नेताओं के लिए गले की हड्डी न बन जाए। जनता का आक्रोश अब सड़कों पर है, और यदि इसे अनदेखा किया गया तो यह राजनीतिक परिणामों को भी प्रभावित कर सकता है।
गरुड़ में यह विडंबना न केवल सामाजिक और धार्मिक मूल्यों पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता को भी उजागर करती है। जरूरत है एक ठोस और त्वरित समाधान की, ताकि न गाय माता सड़कों पर भटकने को मजबूर हो, न ही जनता को अपने हक के लिए बार-बार सड़कों पर उतरना पड़े। क्या यह संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का समय नहीं है?

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गरुड़ मल्टी लेवल पार्किंग मामला खटाई में : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10649?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2597%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25a1%25e0%25a4%25bc-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%259f%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25b2-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%2582 https://swarswatantra.in/archives/10649#respond Tue, 11 Mar 2025 15:43:09 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10649 गरुड़.टैक्सी स्टैंड में मल्टी लेवल पार्किंग बनने से पहले मामला खटाई में . माल्दे निवासी दिनेश नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की याचिका. गरुड़ लाल पुल के निवासी भी पहुंचे तहसील परिसर और एसडीएम गरुड़ को ज्ञापन सौपा. ठेकेदार कुंदन सिंह ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि मल्टी लेवल पार्किंग से गरुड़ गंगा ... Read more

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गरुड़.टैक्सी स्टैंड में मल्टी लेवल पार्किंग बनने से पहले मामला खटाई में .
माल्दे निवासी दिनेश नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की याचिका. गरुड़ लाल पुल के निवासी भी पहुंचे तहसील परिसर और एसडीएम गरुड़ को ज्ञापन सौपा. ठेकेदार कुंदन सिंह ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि मल्टी लेवल पार्किंग से गरुड़ गंगा का अस्तित्व को खतरा होगा .आवासीय घरों को भी नुकसान पहुँच सकता है. माल्दे निवासी पत्रकार दिनेश नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट में मल्टी लेवल पार्किंग के ख़िलाफ़ याचिका दायर कर दी है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीके जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 17 मार्च को उक्त याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
इस मामले पर दर्जा प्राप्त मंत्री शिव सिंह बिष्ट ने कहा कि कुछ लोग गरुड़ में विकास कार्यों को रोकने के लिए लगातार विरोध जता रहे हैं जबकि कुशल इंजीनियरों ने पार्किंग का प्लान बनाया है. नदी को किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा दोनों ओर से मजबूत सुरक्षा दीवार भी बनाई जाएगी.
कपकोट के पूर्व विधायक ललित फ़रसवान ने कहा कि मल्टी लेवल पार्किंग गरुड़ के विकास का मुख्य सोपान है. सभी को ट्रेफिक जाम से राहत भी मिलेगी. नदी को कोई नुकसान नहीं होगा. विकास कार्य का विरोध अनुचित है.
ज्ञात रहे गरुड़ बाज़ार में कोई बाय पास रोड नहीं होने से शादी और पर्यटक सीजन में खूब जाम लगता है. बाज़ार में अतिक्रमण भी है जो ट्रेफिक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करता है. बहरहाल 17 मार्च को हाई कोर्ट की सुनवाई में मामला स्पष्ट हो जाएगा .

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खराब मौसम ने रोकी उड़ान: गरुड़ हैली सेवा https://swarswatantra.in/archives/10624?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2596%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ac-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%258c%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25ae-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2589%25e0%25a4%25a1%25e0%25a4%25bc%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8-%25e0%25a4%2597%25e0%25a4%25b0 https://swarswatantra.in/archives/10624#respond Fri, 28 Feb 2025 02:17:26 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10624 गरुड़ हैली सेवा की ट्रायल खराब मौसम की वजह से टली। 27 फरवरी को गरुड़ हेलीपैड में उड़ान का ट्रायल होना था, सुबह से ही प्रशाशन और हैरिटेज कंपनी का स्टाफ तैयारियों में जुटा था। लेकिन खराब मौसम की वजह से ट्रायल नहीं हो पाया। हैरिटेज एविएशन के प्रबंधक अभिलाष पटवाल ने बताया कि उनकी ... Read more

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गरुड़ हैली सेवा की ट्रायल खराब मौसम की वजह से टली।
27 फरवरी को गरुड़ हेलीपैड में उड़ान का ट्रायल होना था, सुबह से ही प्रशाशन और हैरिटेज कंपनी का स्टाफ तैयारियों में जुटा था। लेकिन खराब मौसम की वजह से ट्रायल नहीं हो पाया। हैरिटेज एविएशन के प्रबंधक अभिलाष पटवाल ने बताया कि उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है चॉपर के उतरने की सभी व्यवस्थाएं अच्छी तरह से पूर्ण कर ली है। मौके पर अग्निशमन विभाग की टीम, स्वास्थ्य विभाग बैजनाथ, एसडीएम गरुड़, सहित स्थानीय ग्रामीण सुबह से इंतजार में थे। खराब मौसम के कारण चॉपर देहरादून से हल्द्वानी तक ही पहुंच पाया आगे की उड़ान नहीं भर पाया। मौसम ठीक होते ही हैली सेवा की ट्रायल की जाएगी। तकनीकी टीम के अप्रूवल के बाद गरुड़ से हल्द्वानी और देहरादून के लिए सेवा नियमित तौर पर शुरू की जायेगी।
गरुड़ से हल्द्वानी का किराया एक तरफ 3500 और देहरादून का किराया एक तरफ 4000 होगा। एक फेरे में 7 सवारी सफर कर सकेंगे। 28 फरवरी को ट्रायल सफल रहा तो जल्दी ही मार्च से रोजाना दो उड़ाने गरुड़ से शुरू हो जाएंगी।
विपिन जोशी

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बागेश्वर ने लहराया परचम https://swarswatantra.in/archives/10620?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ac%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%259a%25e0%25a4%25ae https://swarswatantra.in/archives/10620#respond Thu, 27 Feb 2025 12:41:42 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10620 जनपद बागेश्वर के जिला सचिव लक्ष्मण सिंह कोरंगा के नेतृत्व में जनपद बागेश्वर के स्काउट एवं गाइड अच्छा कार्य कर रहे हैं । जिले के स्काउट एवं गाइड भुवन डसीला के निर्देशन में जनपद बागेश्वर के 6 स्काउट एवं 6 गाइड के साथ एक स्काउट मास्टर और एक गाइड कैप्टन ने प्रतिभाग किया । राज्यपाल ... Read more

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जनपद बागेश्वर के जिला सचिव लक्ष्मण सिंह कोरंगा के नेतृत्व में जनपद बागेश्वर के स्काउट एवं गाइड अच्छा कार्य कर रहे हैं । जिले के स्काउट एवं गाइड भुवन डसीला के निर्देशन में जनपद बागेश्वर के 6 स्काउट एवं 6 गाइड के साथ एक स्काउट मास्टर और एक गाइड कैप्टन ने प्रतिभाग किया ।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने राजभवन में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स राज्य पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए स्काउट्स और गाइड्स संगठन की सेवा भावना की सराहना की। प्रादेशिक मुख्यालय भारत स्काउट्स एवं गाइड्स, उत्तराखण्ड की ओर से राजभवन में आयोजित राज्य पुरस्कार प्रमाण पत्र वितरण समारोह में 63 स्काउट, 51 गाइड, 31 रोवर, 27 रेंजर एवं 22 यूनिट लीडर, कुल 194 प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए गए। इस रैली के माध्यम से गत वर्षों 2019, 2021, 2022, 2023 एवं 2024 के राज्य पुरस्कार प्रमाण पत्र जनपदों को प्रदान किए गए जिसमें विद्यालय एवं महाविद्यालय दोनों सम्मिलित हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स ऐसा संगठन है जो समर्पण और सेवा की भावना से कार्य कर रहा है। उन्होंने आपदा, दुर्घटनाओं और अन्य संकट के समय सबसे पहले राहत एवं बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु संगठन की सराहना की। राज्यपाल ने संगठन के सदस्यों को उनके निस्वार्थ सेवा कार्यों के लिए सराहा और समाज सेवा की इस भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने स्काउट्स एवं गाइड्स द्वारा पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, नशा मुक्ति जागरूकता अभियान, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंनें इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के सदस्यों की संख्या 50 हजार से अधिक हो गई है, राज्यपाल ने इस संख्या को और बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस संगठन से जुड़कर समाज सेवा, नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और देशभक्ति की भावना को मजबूत करें।
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सोन, BEO कमलेश्वरी मेहता, जिला सचिव लक्ष्मण सिंह कोरंगा, प्रेमा भट्ट, भुवन डसीला,राजेंद्र पूना,बिपिन कर्नाटक, नीरज पंत आदि ने हर्ष व्यक्त किया.

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