पानी के लिए मचने लगा है हाहाकार

Vipin Joshi

गरुड़, विकासखंड में पानी के लिए मचने लगा है हाहाकार . पानी है तो जीवन है, पानी के बिना इस नीले गृह में सब कुछ सूना है. इन दिनों समूचा उत्तराखंड पानी की घोर किल्लत से जूझ रहा है. नदियों का जल स्तर लगातार कम हो रहा है. छोटी जलधाराएँ भी सूख चुकी हैं. केंद सरकार की घर घर नल योजना का हाल भी बुरा है. ऐसे में जनता हलकान है, परेशान है. सिचाई के लिए गरुड़ विकासखंड में बहुउद्देशीय बैजनाथ झील भी है जिसका फिलहाल कोई लाभ स्थानीय जनता को नहीं मिल पा रहा है. धान रोपाई का सीजन शुरू हो चुका है. अब काश्तकारों के लिए धान के पौधों को बचाना मुश्किल हो रहा है. इन तमाम मुद्दों को लेकर  बैजनाथ और भकुनखोला के ग्रामीणों ने सहायक अभियंता बैजनाथ के कार्यालय का घेराव किया. आक्रोशित महिलाओं ने अधिशाषी अभियन्ता चंद्रशेखर पन्त और सहायक अभियंता प्रकाश चन्द्र पुनेठा के कार्यालय में घेराव किया और चेतावनी दी यदि अगले दो दिन में सिचाई की व्यवस्था सुचारू नहीं की गई तो महिलाऐं सिचाई उपखंड कार्यालय में धरना देंगी. महिलाओं ने अभियंता से पूछा कि बारी बारी से सिचाई के लिए पानी क्यों नहीं देते ? सभी गावों में सामान रूप से पानी पानी का वितरण कराएँगे तो सभी को इसका लाभ मिलेगा. महिलाओं ने अभियंता से तीखे सवाल किये और प्रशाशन को उक्त मामले में तुरंत कार्यवाही करने को कहा. घेराव  कर रही महिलाओं ने गोमती नदी में हो रहे खनन को भी नदी के लिए नुकसानदायी बताया. अभियंता के घेराव कार्यक्रम में बसंत नेगी, गोपाल सिंह, पुष्प नेगी, बिमला देवी, केआर आर्या, आदि मौजूद थे.

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