कौन होगा बहुमत के करीब

Vipin Joshi

लोक सभा चुनाव का अंतिम चरण 1 जून 2024 को सम्पन्न हो जायेगा . 8 राज्यों की 57 शीटों पर होगा अंतिम चरण का मतदान. कयाशों का दौर जारी हैं. एग्जिट पोल भी 1 जून को आ जायेगा और परिणाम चार जून को हमारे सामने आ ही जायेगा. इंडिया गठबंधन बहुमत के करीब होगा या एन डी ए गठबंधन तीसरी बार केंद्र में वापसी करेगा ? चुनाव परिणाम से पूर्व उत्तर प्रदेश, महाराष्र्ट, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में सबकी नजरें लगी हुई हैं. एन डी ए गठबंधन को अधिकांश राज्यों में २०१९ की तुलना में नुक्सान होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. देश के जाने माने चुनाव विश्लेषक योगेन्द्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार पुन्य पर्शुन वाजपेयी, अभय दुबे, राकेश शर्मा, नीलू व्यास, आरफा खानम, राजवीर सरदेशाई, अशोक वानखेड़े, रविश कुमार और मुख्य धारा के कुछ चैनलों ने अपने कार्यक्रमों में इंडिया गठबंधन को बढ़त दी है. वही दूसरी और जाने माने चुनावी रणनीतिकार पीके ने एन डी ए गठबंधन को बहुमत मिलने का अनुमान लगाते हुवे विपक्ष की जीत को दरकिनार किया है. विपक्ष की और से पीके पर एन डी ए गठबंधन की एडवोकेसी करने का आरोप भी लगाया जा रहा है.

किन मुद्दों पर दिया होगा जनता ने वोट ? यह सवाल हिंदी पट्टी के राज्यों को छोड़ दें तो रोचक बन जाता है. शोशल मिडिया पर हरियाणा और पंजाब तथा गुजरात की विडियो वायरल हैं जिनमे एन डी ए गठबंधन के उम्मीदवारों को प्रचार में घुसने के लिए खूब संघर्ष करना पद रहा है. किसान नाराज हैं, क्षत्रिय नाराज हैं और अग्निवीर योजना से युवा भी नाराज हैं साथ में बड़े रूप में बेरोजगारी और आवारा पशुओं का मुद्दा सरकार के लिए परेशानी का सबब बना रहा. उस पर प्रधानमन्त्री जी का मंगल सूत्र, भैंस, मुजरा बयान ने खूब फजीहत कराई है. संविधान को बदलने का मुद्दा भी विपक्ष के हाथ लगा और विपक्ष ने सोची समझी रणनीति के तहत इन मसलों को भुना लिया. देखना  दिलचस्प होगा इस बार का परिणाम यदि हवा का रुख बदला तो कुछ भी हो सकता है अन्दर खाने की रिपोर्ट तो उत्तराखंड में एन डी ए गठबंधन को दो शीटों का नुक्सान बता रही है. विगत दो चुनावों में उत्तराखंड में एन डी ए गठबंधन ने चलें स्वीप किया था क्या इस बार भी वही परिणाम रीपीट होगा या मुकाबला 3-2 पर आकर ठहर जायेगा.