शराब पर संग्राम: कौसानी में मचा घमासान

विपिन जोशी
आज़ादी के बाद अब तक कौसानी में सरकारी शराब की दुकान खोलने के बहुत प्रयास किए गए लेकिन लक्ष्मी आश्रम और स्थानीय जनता के विरोध के आगे सरकारों को झुकना पड़ा. लेकिन साल 2025 की कहानी कुछ अलग है.इस बार व्यापार संघ कौसानी शराब की दुकान के पक्ष में समर्थन करता दिख रहा है. दूसरी ओर पद्मश्री राधा भट्ट के नेतृत्व में लक्ष्मी आश्रम ने शराब विरोध में आंदोलन छेड़ दिया है.
सुमित्रानंदन पंत की साहित्य स्थली में नहीं खुलेगी शराब की दुकान।
लक्ष्मी आश्रम कौसानी की संचालिका पद्मश्री राधा भट्ट के नेतृत्व में शराब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और रैली निकाली। हिंदुस्तान समाचार पत्र से बात करते हुए पद्मश्री राधा भट्ट ने कहा कि कौसानी में गांधी जी ने अनासक्ति योग की भूमिका लिखी। 1929 में गांधी कौसानी आए। इसलिए कौसानी का ऐतिहासिक महत्व है। राधा भट्ट ने बताया कि वे साठ के दशक से शराब बंदी आंदोलन में रही हैं। 1970 में उनको पौड़ी जेल में भेजा गया। तब गढ़वाल में शराब बंदी आंदोलन चरम पर था।
कौसानी से नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन शुरू हुआ था। सरला बहन के नेतृत्व में आश्रम ने समाज के साथ कई लड़ाइयां लड़ी हैं। लक्ष्मी आश्रम का लंबा इतिहास है। 75 वर्षों से बालिका शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर गहरा काम आश्रम का रहा है। पूर्व में लक्ष्मी आश्रम ने गरुड़ के कंधार में भी शराब विरोधी आंदोलन किया था और दुकान नहीं खुलने दी थी। शराब विरोध के स्वर उत्तराखंड के हर शहर से उठने लगे हैं। यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि आज कौसानी व्यापार संघ शराब की दुकान खोले जाने के पक्ष में खड़ा है। कौसानी की महिलाएं बेशक शराब की दुकान के खिलाफ हैं। सुमित्रानंदन पंत की साहित्य स्थली में और महात्मा गांधी की साधना स्थली में आज विकास के नाम पर शराब की दुकान का खुलना दुखद है।
भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला कौसानी आज शराब के खिलाफ आंदोलन करने पर विवश है। राधा भट्ट ने बताया कि नब्बे साल की उम्र में भी वे शराब का विरोध कर रही हैं और जब तक रहेंगी जन मुद्दों के लिए समर्पित रहेगी। स्थानीय नागरिक संगठनों का भी राधा भट्ट को शराब विरोधी आंदोलन में समर्थन मिल रहा है।
” लक्ष्मी आश्रम की वर्तमान संचालिका नीमा वैष्णव ” सरकार कौसानी को तो बक्श दें , आंदोलनों की भूमि और पर्यटन के प्रमुख स्थल में शराब की दुकान खुलने से कौसानी में नशे को बढ़ावा मिलेगा और अशांति फैलेगी।
पद्मश्री प्राप्त पर्यावरण विद बसंती बहन .
कौसानी पवित्र स्थान है, यहां हम शराब की दुकान नहीं खोलने देंगे। व्यापार संघ आज नहीं तो कल शराब के खिलाफ जरूर खड़ा होगा। शराब वैध हो या अवैध, कौसानी में नहीं बिकने देंगे। होटल रेस्टोरेंटों में शराब परोसी जा रही है तो प्रशाशन इसका त्वरित संज्ञान ले और कार्यवाही करे।

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