कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्री अग्रवाल के इस्तीफे के पीछे नेगी दा के हालिया वायरल गीत की भी भूमिका है.
देहरादून, उत्तराखंड सरकार के मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल का इस्तीफा याने लोकतंत्र के जिंदा होने के संकेत हैं। कहते हैं व्यक्ति अपनी गरिमा और स्वाभिमान के लिए सड़क पर उतरता है तो कुछ भी असंभव नहीं। मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने विधानसभा में उत्तराखंडियत का उपहास किया और असंसदीय भाषा शैली का प्रयोग किया। इस घटना का हर स्तर पर विरोध शुरू हुआ। उत्तराखंड क्रांति दल ने गैरसैण में प्रदर्शन भी किया और राज्य भर में एक यात्रा भी निकाली। पक्ष विपक्ष के विधायकों को उत्तराखंडीयत और पहाड़ के स्वाभिमान के नाम पर जगाने की मुहिम शुरू की। जनता के आक्रोश को प्रमुख समाचार पत्रों और यूट्यूबर्स ने छापना दिखाना शुरू किया। इसका असर भाजपा में हुआ, पार्टी ने मंत्रणा की और मंत्री साहब पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता गया। आज सुबह आई कि भावुक होते हुए मंत्री साहब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल कहते हैं कि उन्हें टारगेट किया गया, जिस जनता ने वोट दिया उसी जनता ने खुद के अपमान का बदला भी ले लिया। वहीं मशहूर गायक नरेंद्र नेगी बताते हैं कि अग्रवाल के इस्तीफे के पीछे उनके नए गीत की कोई भूमिका नहीं है। अब खुल कर कौन किसी नेता, विधायक, मंत्री के आगे आएगा यह दीगर बात है कि नेगी दा के गीतों ने समय समय पर उत्तराखंड की सत्ता परिवर्तन में भूमिका तो निभाई ही है। इस बार उनके गीत का कितना असर रहा ये शोध का नया विषय हो सकता है। बहरहाल स्वाभिमान और उत्तराखंडियत के सवाल पर बीजेपी को बैकफुट में जाना पड़ा और जनता के आक्रोश के चलते 2027 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
