राधा दीदी की पुस्तक का विमोचन : वे दिन वे लोग

विपिन जोशी
जमना लाल बजाज पुरुस्कार प्राप्त, कस्तूरबा महिला मंडल की अध्यक्षता कर चुकी लक्ष्मी आश्रम की संचालिका रह चुकी राधा भट्ट जिनको आश्रमवासी और देश भर में लोग राधा दी के नाम से जानते हैं आज उनकी पुस्तक वे दिन वे लोग का विमोचन सरला बहन व्याख्यान सभा लक्ष्मी आश्रम कौसानी में किया गया। पुस्तक विमोचन के पल काफी भावुक और यादगार बन गए थे जब हिमालय हाट की संचालिका कृष्णा दी ने राधा भट्ट जी की पुस्तक वे दिन वे लोग का मजेदार रिव्यू किया।
पुस्तक में राधा दी ने अपने बचपन की यादों के साथ अपने जीवन के संस्मरणों को पिरोया है। कैसे एक बालिका पुरातन समाज की चुनौतियों से लड़ते हुए खुद की जीवन यात्रा तय करती है, इसका वर्णन किताब में विस्तार से मिलता है। गाव की परंपरा, संस्कृति के साथ कई सारे सामाजिक मुद्दों को अनुभव के रूप में राधा दी ने लिखा है। आसान नहीं था इस दौर में व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह करना। राधा दीदी ने पहाड़ की महिलाओं के लिए एक सबक प्रस्तुत किया। गांधी विचार से परिचय सरला बहन के सानिध्य में हुआ। ऐसे बहुत से रोचक संस्मरण उनकी पुस्तक में मिलते हैं।
पुस्तक विमोचन के मौके पर इतिहास विद प्रो. शेखर पाठक ने कहा कि जब राधा दी पैदा हुई तो लोगों ने उनकी दादी को बोला कि यह बच्ची तो असुभ घड़ी में पैदा हुई है इसलिए उनको गाढ़ देना चाहिए। कुमाऊनी में कहते हैं खड्या देना, इस तरह के मार्मिक अनुभव भी किताब में दर्ज हैं।
राधा दी की पहली ट्रेन यात्रा, पहला विदेश भ्रमण, विदेश में काम की तलाश और गहरे आर्थिक सामाजिक विभेद को महसूस करना सब कुछ बड़ी सहजता से राधा दी ने अपनी किताब में दर्ज किया है।
पुस्तक विमोचन के मौके पर प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक नवीन जुयाल, पर्यावरण विद पीएसआई के डा. रवि चोपड़ा, इतिहासविद प्रो. शेखर पाठक, राजीव लोचन शाह, नीमा वैष्णव, डेविड भाई, भुवन पाठक, कृष्णा बहन, बसंत पांडे, गोपाल भाई, गिरीश तिवारी, ईश्वर जोशी, कल्याण मनकोटी, हर्ष काफ़र, भास्कर, बच्ची सिंह, तरुण जोशी, सोनिया, सुंदर बारोलिया , बसंत नेगी, आदि मौजूद रहे।