उत्तराखण्ड में एक अर्से से महिलाओं/नाबालिक लड़कियों पर हो रहे दुराचार और हिंसा की घटनाओं ने सबको सोचने पर विवष किया है कि राज्य की कानून व्यवस्था का इतना बुरा हाल क्यों है ? साथ में प्रदेष सरकार की कार्य संस्कृति पर भी गहरा सवालियां निषान लगा है। एक के बाद एक घटित घटनाओं से समूचा उत्तराखण्ड आंदोलित है। मामला सिर्फ महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं का नहीं है, गंभीर मुद्दा तो यह है कि इन तमाम घटनाओं में कौन लोग षामिल हैं ? क्या इन अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है ? या ये इतने षक्तिषाली हैं कि सरकार इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बहुत सारा जन दबाव और आंदोलन के बाद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के मामले भी आए हैं। हाल ही में सल्ट की घटना है जिसमें आरोपी राजनैतिक रसूकदार था और बहुत प्रयासों के बाद उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। उक्त तमाम मामलों को लेकर 08 सितंबर 2024 को जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में बागेष्वर एसबीआई तिराहे पर बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन का पुतला दहन कार्यक्रम किया गया। उक्त कार्यक्रम में निम्न बिन्दुओं पर विरोध प्रदर्षन किया गया। कार्यक्रम का संचालन भगवत सिंह डसीला, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी के द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के कवि जोषी, महिला अध्यक्षा गोपा धपोला, वयोवृद्ध नेता लोकमणी पाठक, पूर्व नगर पालिका चेयर मैन गीता रावल, जिला पंचायत सदस्य हरीष ऐठानी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
1ः- हरिद्वार में अबोध नाबालिग के साथ दुष्कर्म।
2ः- रानीखेत भाजपा विधायक के छोटे भाई और उसके वाहन चालक के पास से अवैध प्रतिबंधित गोली बारूद की बरामदगी।
3ः- कपकोट मे एक युवक के द्वारा बदनीयती से नाबालिग अबोध बालिका के साथ छेड़छाड़ का प्रयास।
4ः- दुग्ध संघ के अध्यक्ष के द्वारा महिला के साथ बलात्कार और पीड़ित महिला की नाबालिग बालिका के साथ छेड़छाड़ और दुराचार का प्रयास करना और मुक्कदमा लिख जाने के बावजूद अभी तक गिरफ्तारी ना होना।
5ः- उधमसिंह नगर में बैखोफ लकड़ी तस्करो द्वारा फॉरेस्ट के अधिकारी, कर्मचारियो पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर चार लोगो को घायल कर फरार हुए अपराधियो की गिरफ्तारी नही हो पाना।
अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी, भगवत सिंह डसीला ने कहा कि यह उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है कि अधिकांष घटनाओं में सत्तरूढ दल के स्थानीय नेताओं का नाम आ रहा है। क्या जनता ने इनको इसलिए चुना था। सल्ट की घटना और अंकिता भण्डारी हत्या काण्ड में हील हवाली सरकार की मंषा को साफ तौर जाहिर करती है। जब तक नागरिक संगठन आंदोलन नहीं करते या सत्ता पक्ष के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरते तब तक किसी तरह की फौरी कार्यवाही क्यों नहीं की जाती। यह एक ज्वलंत प्रष्न है। पुराने नेता लोकमणी पाठक ने प्रदेष की धामी सरकार पर तीखे प्रष्न किए और षीघ्र ही प्रदेष की कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग की।