सोना चोरी आरोप है या यह एक सच है ?
भारत के सम्मानित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने केदारनाथ धाम में सोना चोरी पर बड़ा खुलासा किया है. एक प्रेस वार्ता के दौरान शंकराचार्य ने बताया कि उत्तराखंड केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना ग़ायब है. 2023 में मंदिर के कपाट बंद करते वक्त मंदिर में सोना मौजूद था और वर्ष 2024 में वही सोना पीतल में कैसे बदल गया ?
इस खुलासे पर मंदिर समिति और सरकार के प्रतिनिधि इस आरोप को झूठा बता रहे है और इसे कांग्रेस का एजेंडा करार दे रहे हैं . अपने बेबाक़ बयानों के लिए मशहूर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द इन दिनों लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं , राम मंदिर उद्घाटन पर भी आपने आपत्ति जताते हुवे सवाल किए थे और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित भी नहीं थे. उत्तराखण्ड में केदारनाथ सोना चोरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
2013 केदारनाथ आपदा को कौन भूल सकता है, इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी केदारनाथ में बड़े निर्माण और हैली सेवा जारी है। अब तो केदारनाथ में थार सेवा भी मुहैया है। पर्यावरण संरक्षण मामलो के जानकारों का कहना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बहुत ज्यादा भीड़ और भारी निर्माण ग्लेशियर के लिए खतरा हो सकता है। लेकिन पर्यटन के नाम पर पवित्र तीर्थस्थलों की हालात बेहद चिंताजनक है। हिमालय में प्लास्टिक कचरे और अवैध निर्माण की समस्या से जूझ ही रहे थे कि शंकराचार्य जी ने केदारनाथ मंदिर में सोना चोरी का खुलासा कर एक बड़ा संवेदनशील सवाल उठा दिया है। इस प्रकरण पर अब केदारनाथ मंदिर समिति का जवाब आया है. मंदिर समिति ने सुप्रीम कोर्ट जाने की चुनौती दी है. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने शंकराचार्य पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि मंदिर में तांबे की प्लेटो पर सोने की परत लगाई गई है ये प्लेटें 23 किलो की है। मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि केदारनाथ गृह में सोना लगाने का कार्य मुंबई के एक दानी दाता ने खुद के कारीगरों से करवाया इस प्रक्रिया में मंदिर समिति और राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
विपिन जोशी