बागेश्वर कपकोट ब्लॉक के सुन्दर ढूंगा ग्लेशियर ट्रैकिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। पर्यावरण और हिमालय के जानकार बताते हैं कि किसी भी ग्लेशियर में मानवीय हलचल हिमालय के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन तमाम पर्यावरणीय और वैज्ञानिक आधार को पीछे छोड़ एक बाबा योगी चैतन्य आकाश ने 16500 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालयन ग्लेशियर के प्रतिबंधित सरकारी क्षेत्र में एक मंदिर बना डाला। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा ने अवैध रूप से मंदिर की आड़ में अपना निवास स्थल ही बना डाला।
पास में स्थित पवित्र कुंड को बाबा ने स्विमिंग पूल का रूप दे दिया है। जबकि धार्मिक मान्यता के अनुसार पवित्र कुंड में सिर्फ देव डांगर ही स्नान करते थे वह भी कुंड में में घुसते थे बाहर नहाते थे। स्थानीय जनता बाबा की हरकतों से नाराज हैं। वहीं प्रशाशन को खबर भी नहीं थी कि सुंदर ढूंगा ग्लेशियर में मंदिर के नाम पर बाबा अपना आशिया बना चुका है। आस्था और धर्म की आड़ में विश्व प्रसिद्ध धरोहर में अवैध निर्माण करना उचित नहीं है। स्थानीय समुदाय में बाबा के खिलाफ खासा रोष व्याप्त है।
बाबा चैतन्य आकाश ने स्थानीय लोगों से कहा कि स्वयं भगवती मां ने सपने में बाबा को दर्शन दिए और इस स्थान पर मंदिर निर्माण का निर्देश दिया। इस प्रकार बाबा ने लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया। 1988 में यूनेस्को ने उक्त ग्लेशियर को विश्व धरोहर के रूप में चुना था। एसडीएम कपकोट ने उक्त मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगी? किस प्रकार अवैध घरों, मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है क्या उच्च हिमालय में बने उक्त अवैध मंदिर/घर को भी तोड़ा जायेगा ?
विपिन जोशी
