विपिन जोशी
सहारनपुर, अखिल भारतीय शिक्षा सम्मलेन २०२४ में शिक्षकों की पुस्तकों का विमोचन होना है. इनमे शिक्षक कृपाल सिंह शीला की पुस्तक गिरै कौतिक भी शामिल है. साथ में प्रीति आर्या की पुस्तक कुमाउनी स्मारक साहित्य, मेरे हिस्से का आसमान, गतिविधि से गणित अरुण कुमार भदौरिया, शिक्षा के पथ पर प्रमोद कुमार मलय आदि की पुस्तकें शामिल हैं. सहारनपुर में पहली बार अखिल भारतीय शिक्षा सम्मलेन का आयोजन 14 जुलाई 2024 को आयोजित किया जायेगा देश के 15 राज्यों से 1500 आवेदन शिक्षा रत्न पुरुस्कार के लिए प्राप्त हुवे अल्मोड़ा के शिक्षक कृपाल सिंह शीला का नाम भी उक्त सम्मान के लिए चयनित हुआ है. सम्मेलन के दौरान शिक्षकों व अन्य साहित्यकारों की कुछ पुस्तकों का विमोचन भी किया जायेगा कृपाल सिंह शीला का काव्य संग्रह गिरै कौतिक का विमोचन भी किया जायेगा. किसी शिक्षक के लिए पढना लिखना जरुरी विटामिन की तरह होता है, एक अच्छा रचनाशील शिक्षक अपने अनुभवों को लेखन के जरिये सार्वजनिक करे यह समाज के लिए और साहित्य प्रेमियों के लिए अच्छा संकेत माना जा सकता है.
ग्लोकल विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता के नए आयाम स्थापित कर रहा है. देश विदेश से हजारों विद्यार्थी विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं. अखिल भारतीय शिक्षा सम्मलेन में देश की हस्तियाँ शामिल हो रही हैं जिनमे योगगुरु पद्मश्री डा. भारत भूषण, अखिलेश कुमार मिश्र आईएस, काजी नदीम अख्तर, पद्मश्री डा. राजन सक्सेना, पद्मश्री चौ. सेठपाल सिंह अतिथि के रूप में पहुच रहे हैं. अल्मोड़ा जनपद के शिक्षकों में कृपाल सिंह शीला को पुरुस्कृत किये जाने पर खूब उत्साह है. शिक्षकों ने कृपाल सिंह शीला को एक रचनात्मक शिक्षक बताया है. ग्रीष्म कालीन अवकाश में कृपाल सिंह शीला ने अपने सहयोगी शिक्षकों और भारत ज्ञान विज्ञान समिति के साथ मिलकर भिकियासैन ब्लाक में संगीत गायन और वादन कार्यशाला आयोजित की थी आसपास के बच्चों ने इस कार्यशाला में लोक संगीत के गुर भी सीखे. साहित्य और संगीत के प्रति कृपाल सिंह शीला की खास रूचि है इसका लाभ उनके विद्यालय के बच्चों को मिलता है.