किन्नरों की मनमानी क्षेत्र में आक्रोश : विपिन जोशी

अपनी आस्था से जो नजराना किन्नरों को मिले उनको स्वीकार करना चाहिए.

तैलीहाट गांव के ग्रामीणों में किन्नरों की बेतहाशा वसूली के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। 2024 में गरुड़ के मालदे गांव के ग्रामीणों ने एसडीएम गरुड़ को तहसील दिवस के अवसर पर किन्नरों की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा था। ग्रामीणों 25 फरवरी मंगलवार को किन्नरों की मनमानी पर तैलीहाट, भकुनखोला, बैजनाथ के ग्रामीणों ने गरूड़ तहसील में एसडीएम गरूड़ जितेन्द्र वर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि किन्नर समाज भी हमारे सामाजिक तानेबाने का हिस्सा है। लेकिन उनके द्वारा मनमानी से की गई वसूली को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
गरुड़ क्षेत्र में किन्नरों के अपने एजेंट भी हैं जो उनको ग्रामीण क्षेत्र में शादी, जनेऊ, नामकरण, ग्रह प्रवेश की खबर देते हैं इन ऐंजेटों का फिक्स कमिशन भी किन्नर तय करते हैं। किन्नरों का जिले वार अपना उगाही तंत्र भी है। इलाके वार किन्नर बंटे हैं करोड़ों में इलाके की बोलियां भी लगती हैं यह उनका अपना संचालन तंत्र है। ग्रामीणों का कहना है कि अपनी खुशी से कोई परिवार किन्नरों को जितना नजराना दे किन्नरों को उसे स्वीकार करना चाहिए। लेकिन किन्नर दस से बीस हजार तक की डिमांड करते हैं। किसी गरीब परिवार के लिए इतनी रकम देना संभव नहीं हो पाता। इसलिए क्षेत्र के ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी गरूड़ को प्रस्ताव दिया कि किन्नरों की मनमानी और अराजकता पर अंकुश लगे।
उपजिलाधिकारी गरूड़ ने स्वर स्वतंत्र से बात करते हुए कहा कि किन्नरों के प्रति सम्मान भाव है और उनको गॉव में आने से नहीं रोका जा सकता है। परन्तु किन्नरों को भी मनमानी नहीं करनी चाहिए। शुभ अवसरों पर वसूली का कोई कानूनी नियम नहीं है। उनको आस्था और खुशी से जो जितना नजराना दे स्वीकार करना चाहिए। किसी भी प्रकार की अराजकता के लिए ग्रामीण पुलिस हैल्प लाइन नंबर का उपयोग कर सकते हैं।
किन्नरों की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन सौपने वालों में सरपंच कैलाश मेहरा, निवर्तमान ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, ठाकुर मेहरा, एडवोकेट गिरीश कोरंगा, भूपाल दोसाद, दयाल सिंह, नन्दन सिंह, बसंत नेगी, कैलाश चन्दोला, महेंद्र मेहरा, दरवान सिंह, पूरन सिंह, प्रेम चन्द्र, आदि शामिल रहे।