गुणवत्ता से परहेज क्यों : विपिन जोशी

अना लोहरचोरा मोटर मार्ग का सुधारीकरण कार्य का उद्घाटन विधायक बागेश्वर पार्वती दास, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट ने संयुक्त रूप से किया। 4 करोड़ 42 लाख की सुधारीकरण योजना का ठेका ठेकेदार बी एम जोशी को मिला है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के ए ई गोविंद नाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना की गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए उनको आब्जर्वर बनाया गया है। सुधारीकरण में नालियों का निर्माण, डामरीकरण, कलमठ निर्माण, रोड सुरक्षा आदि का कार्य किया जाना है।
उद्घाटन कार्यक्रम में बीजेपी मंडल अध्यक्ष घनश्याम जोशी, सुनील रावत, नंदन सिंह अलमियां, हरीश रावत, बबलू अलमियां आदि मौजूद रहे। कुछ जरूरी मुद्दे भी उद्घाटन समारोह के साथ जुड़ गए दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. जनता भी खराब कार्य की शिकायत कर सकती है. दोषी पाए जाने पर ठेकेदार हो या अधिकारी तुरंत कार्रवाई करेंगे. इस तरह के बयान योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बेहतर रास्ता बनाते हैं जनता को भरोसा भी होता है. लेकिन कुछ सवाल भी साथ में उठते हैं जैसे विकास योजनाओं को हरी झंडी दिखाने से या निर्माण कार्यो का फीता काटने से गुणवत्ता आएगी या फिर निर्माण कार्यो की ईमानदारी से निगरानी करके गुणवत्ता दिखेगी ? कौन करेगा इन क्षेत्रीय विकास कार्यो की निगरानी ? क्यों टपकने लगती हैं स्कूल की छत, कैसे उखड़ जाता है ताजा डामर? सड़क के गड्ढे क्यों नहीं दिखते माननीयों को और क्यों हालत खस्ता है अस्पतालों की ? जब सबका विकास हो ही रहा है तो क्यों उमड़ पड़ती है प्रत्येक तहसील दिवस में शिकायत कर्ताओं की भीड़ ? ऐसे कई सवाल मन में आते हैं फिर गायब हो जाते हैं विकास का शोर और गुड गवर्नेंस का ग्लैमरस प्रचार रंगीन झूठ को सच साबित करने में अक्सर सफल हो जाता है। हो भी क्यों ना सरकार का बहुत सारा बजट मीडिया मैनेजमेण्ट में लगा है, होर्डिग बैनर तमाम तरक के प्रिन्ट माध्यमों में लगा है। जो भी दल सत्ता में होता है उनकी प्राथमिकता होती है अपनी सत्ता का विस्तार करना, इसके लिए जनता के टैक्स के पैंसे का उपयोग किया जाता है। अपनी छवि को चमकाने के लिए। क्षेत्रीय स्तर पर विकास कार्यो में हो रही हील हवाली पर कौन रखेगा नजर ? यह काम तो माननियों का है। संबंधित कार्यदायी संस्थाओं का है और मीडिया के खोजी पत्रकारों का है। बकौल दैनिक हिन्दुस्तान कौसानी के निकट भतडियां मोटर मार्ग की बदहाली और खराब गुणवत्ता वाले डामरी करण की जानकारी मिली। गरूड़ के टानीखेत अणा, गैरलख मोटर मार्ग की हालत भी खराब हो चुकी है इस सड़क में भी डामर टिक नहीं पाया और सड़क में फिर से गड्ढे दिखने लगे हैं। अकुणाई-गैरलेख मोटरमार्ग के डामरीकरण का आज उद्घाटन भी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में गुणवत्ता परक निर्माण कार्यो के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए वे रहते भी हैं लेकिन अभी भी निर्माण कार्यो में गुणवत्ता नहीं दिख रही हैं। डंगोली के समीप हैलीपैड की दरक चुकी दिवार भी गुणवत्ता पर एक सवाल है। खबर है कि यहां से जल्दी ही देहरादून गरूड़ हैली सेवा शुरू की जाऐगी लेकिन ऐसे हालात में हैली सेवा कैसे शुरू होगी ? मुख्य सड़के अपनी सेहत का राग अलाप रही हैं तो फिर बेचारी लिंक रोड का क्या होगा ? सरकार की उपेक्षा से तंग आकर कोट मंदिर के पास के एक तोक में मजदूरी कर जीवन काट रहे ग्रामीण हरीश ने अकेले अपने दम पर सड़क खोद दी। वन विभाग ने केस भी किया बाद में डीएम बागेश्वर के दखल से केस रफादफा हुआ। सड़क की जरूरत थी तो हरीश खुद दशरथ माझी बन गया। गुड गवर्नेंस का आशय है सबका विकास बिना किसी अवरोध के हो। सरकार ने दूरस्थ क्षेत्रों में बहुउद्देशीय कैम्प लगाने शुरू किए। बावजूद इसके स्थिति जस की तस रहती है। योजनाएं उत्साह के साथ शुरू तो होती हैं लेकिन अंतिम चरण में पहॅुचते ही इन योजनाओं का बंटाधार होने लगता है।
घर-घर जल योजना का जितना प्रसार किया गया उसका अंजाम आज हमारे सामने है। प्रदेश की अधिकांश योजनाओं से अनियमित्ता और घोटालों की बू आने लगी है। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में एक जेई को निलंबित कर दिया गया मामला पेय जल योजना से जुड़ा है। तो गरूड़ के तैलीहाट गॉव में घर-घर जल योजना अंतिम चरण में पहॅुच कर अटक गई है। कार्यदायी संस्था ठेकेदार पर ठीकरा फोड़ रही है तो ठेकेदार का कहना है योजना का भुगतान नहीं हुआ है। इस खीचमतान में गॉव की पेयजल योजना को पलीता गल रहा है। दो साल से कार्य जारी है लेकिन मुख्य स्टोरेज टैंक का अता पता नहीं है। योजनाओं का ऐसा हाल सरकार की मंशा को कटघरे में खड़ा करता है चाहे कितनी ही अच्छी योजना हो यदि धरातल पर क्रियान्वयन ठीक ना हो तो सारे प्रयास सीफर ही साबित होते हैं। इसलिए फीता काटो पल्ला झाड़ो स्कीम से बचना होगा।योजनाओं की निगरानी करनी होगी और गुणवत्ता का ध्यान रखना होगा।अन्यथा योजनाएं आती जाती रहेंगी और आम जन विकास का झुनझुना बजाता रहेगा।

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