शिक्षक प्रतिभा प्रदर्शन : शिक्षकों का स्वैच्छिक मंच
गरूड़ विकास खण्ड शैक्षिक नवाचारों का केन्द्र है। रचनात्मक शिक्षण के तमाम नवाचार गरूड़ विकास खण्ड से शुरू हुए हैं। दिवार पत्रिका, बाल शोध मेला, किचन गार्डन, सपनों की उड़ान, सामूहिक जन्मोत्सव, समर-विन्टर स्कूल कैम्प, पुस्तकालय आदि बहुत से नवाचारों में उत्तराखण्ड में गरूड़ विकास खण्ड का नाम अग्रणीय है। शिक्षकों ने 25 दिसंबर 2024 को टीचर्स टैलेन्ट आयोजित एक नई दृष्टि दी है। शिक्षक समाज के लिए एक रोल मॉडल के रूप में जाने जाते हैं। स्कूल में बच्चों को ज्ञान निर्माण में मदद करते हैं और समाज में संवैधानिम मूल्यों की एडवोकेसी भी किसी न किसी रूप में करते हैं। वर्तमान कार्य शैली शिक्षकों के लिए अतिरिक्त कार्य बोझ का सबब भी बन रही है। सरकार ने शिक्षकों को शिक्षण के साथ अन्य तरह के दस्तावेजीकरण के कार्यो में उलझा दिया है। कभी-कभी शिक्षकों को शिक्षण से अधिक बाबू गिरी के कार्यो में लगा हुआ देख सकते हैं। ऐसे में अपने मन को तरो-ताजा करने के लिए अपनी प्रतिभा को साझा करने के लिए गरूड़ विकास खण्ड के शिक्षकों ने एक साझा प्रयास किया और टीचर्स टैलेन्ट मंच बनाया। इसकी शुरूआत 25 दिसंबर, 2024 को क्रिसमस डे के दिन हुई विकास खण्ड के रचनात्मक शिक्षक जुटे और शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रमों में लोक संगीत, लोक गायन, नाटक, कॉमेडी मिमिक्ररी, गायन, विचार अभिव्यक्ति तथा एकल नृत्य शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरज पंत, नवीन मिश्रा, देवेन्द्र बिष्ट ने संयुक्त रूप से किया। दिनेश तिवारी, रूकसाना बानों, ने अपनी नृत्य कला से खूब तालियां बटोरी तो शिक्षिका अनिता दोसाद ने मेरे सजना को भाए ना विदेशवा गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। शिक्षक उमेश जोशी ने बॉलिबुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन, अमरीश पुरी, नाना पाटेकर की मिमिक्ररी कर सबका मनोरंजन किया। कपकोट ब्लॉक के शिक्षक दिवान राम और देवेन्द्र ने विलुप्त होती संस्कृति भगनौल गायन की प्रस्तुत दी।
शिक्षकों के लिए एक ऐसे मंच की जरूरत महसूस की जाती रही है जहां वे अकादमिक चर्चा परिचर्चा के साथ स्वस्थ मनोरंजन और अपने टैलेन्ट का प्रदर्शन कर सकें। लेकिन इस तरह के प्रायास ना तो कोई गैर सरकारी संस्थान ही कर पाए और सरकार के पास इस प्रकार के रचनात्मक प्रयासों के लिए कोई मंच है। इसलिए शिक्षकों ने स्वयं की पहल और शिक्षक संगठन के सहयोग से टीचर्स टैलेन्ट आयोजन की नींव रखी। पहला आयोजन कई मायनों में सफलतम रहा। आयोजन में सदन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ प्रयोग धर्मी शिक्षक सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि शिक्षा के रचनात्मक प्रयोग के रूप में गरूड़ से एक नई गंगा शिक्षकों ने निकाली है। इसलिए इस मौके पर कहना उचित होगा कि हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए गरूड़ से फिर कोई गंगा निकलनी चाहिए। सुरेन्द्र वर्मा ने विकास खण्ड गरूड़ में चल रहे शैक्षिक नवाचारों की प्रशंसा करते हुए आयोजन के सफल आयोजन के लिए सभी शिक्षकों को बधाई दी। कार्यक्रम में साहित्यकार मोहन जोशी और कवि शिक्षक जीवन सिंह दोसाद ने अपनी कविताएं भी साझा की। शिक्षक महेश जोशी ने कहा कि क्रिसमस डे के दिन आज गरूड़ विकास खण्ड से शिक्षकों ने एक बेहतरीन शुरूआत की है इस लिए आज का दिन शैक्षणिक नवाचारों में बड़ा दिन बन गया है।
आयोजन के संयोजक शिक्षक देवेन्द्र बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि टीचर्स टैलेन्ट को सामूहिक मंच में साझा करने के उद्देश्य से आयोजन किया गया। बच्चों के साथ शिक्षकों को भी मंच देना। कार्यक्रम की खास बात थी शिक्षकों के द्वारा, शिक्षकों के लिए शिक्षकों का आयोजन। नए जुड़े शिक्षकों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में गरूड़ की शान साहित्यकार मोहन जोशी को बनाया गया। शिक्षक मोहन पाल ने अपने नाती के जन्म की खुशी में मिष्ठान आदि की व्यवस्था की। इस आयोजन की खास बात थी कि पहली बार शैक्षणिक मंच पर बिना बैच अलंकरण के कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
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