भीमराव अंबेडकर का अपमान क्यों : विपिन जोशी

संसद में देश के गृहमंत्री ने डाक्टर भीमराव अंबेडकर पर अमर्यादित टिप्पणी करके पूरे देश में खलबली मचा दी है. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष आज भीमराव अंबेडकर के अपमान पर आक्रोशित है. पिछड़े और हाशिए के लोगों के लिए डाक्टर भीमराव अंबेडकर उनकी विचारधारा के आराध्य हैं. संविधान प्रद्दत लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्षधर लोग अब गृहमंत्री अमित साह के ख़िलाफ़ बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी में हैं. संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों की सूची में भीमराव अंबेडकर का नाम सबसे ऊपर दर्ज है. भीमराव अंबेडकर करोड़ो लोगो के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा अपमान जनक व्यवहार पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है. राजनैतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि यह घटना जनता का ध्यान भटकाने के लिए आयोजित की गई. सदन में अंबेडकर के अपमान की घटना के बाद बीजेपी सांसद ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर धक्का मुक्की का आरोप लगाया और वे हॉस्पिटल में भर्ती हो गए. बीजेपी के सांसदों ने विपक्ष को सदन के अंदर जाने से रोका. लाठी डंडे लेकर बीजेपी के सांसद क्यों खड़े थे ? क्या भीमराव अंबेडकर सिर्फ दलितों के मसीहा थे ? अंबेडकर ने मानवता की बात की थी और दलितों को लोकतांत्रिक अधिकार दिलाने की बात की थी क्या ऐसा करना उचित नहीं था ? समाज के कुछ वर्ग किसी वर्ग का सामाजिक शोषण नहीं कर सकते. इस बात की पैरवी भीमराव अंबेडकर ने की थी. लेकिन बीजेपी के वरिष्ट नेता गृहमंत्री अमित शाह ने अपने बयान में मन की बात कर दी. जब मन की बात जुबा पर आई है तो हंगामा मचना तय है. देश भर के दलित अब सड़कों पर होंगे और आंदोलनात्मक प्रदर्शन से अपनी बात आगे पहुचाएँगे.
भीमराव अंबेडकर के अपमान के बाद दलित वोट बैंक से बीजेपी को आगामी चुनाव में भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा. क्योंकि भीमराव अंबेडकर ने दलितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी . सामाजिक समरसता कायम करने के लिए और जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए भीमराव अंबेडकर मील का पत्थर हैं. इसलिए भीमराव अंबेडकर के अपमान का मामला बीजेपी को भारी पड़ेगा. समता, समानता और न्याय की बात करने वाले नेता का अपमान कोई भी नागरिक सहन नहीं कर सकता. क्योंकि भीमराव अंबेडकर सभी राजनैतिक दलों के लिए पूज्य थे और रहेंगे. अब गृहमंत्री अमित शाह देश से माफ़ी माँग लें तो भी यह मुद्दा शांत होने वाला नहीं है. इसका परिणाम आने वाले दिनों में और ज़्यादा भयावह होगा. इस बात को बीजेपी के रणनीतिकार जितनी जल्दी समझ लें उनके लिए अच्छा होगा. भीमराव अंबेडकर के अपमान का मामला और तूल पकड़ेगा.