वोट के बदले नोट पर्दाफ़ाश : विपिन जोशी

वोट के बदले नोट पर्दाफ़ाश
कल २० नवंबर२०२४, महाराष्ट्र में वोटिंग है और आज मुंबई विरार के एक होटल में बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े को चुनाव से एक दिन पहले कैश बाटते पकड़ा गया. लोगों ने उनको होटल के कमरे में बंद कर दिया. वोटिंग से पूर्व लाखों का कैश बरामद होना महाराष्ट्र चुनाव के लिए लोकतांत्रिक विफलता है. चुनाव आयोग क्या कर रहा था यह भी गंभीर सवाल है.
लोग मोबाइल कैमरों के साथ विनोद तावड़े पर टूट पड़े कैश फॉर वोट का लाइव स्टिंग ऑपरेशन हो गया भीड़ ने बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े को चोर चोर की ध्वनि के साथ घेर लिया. घनघोर बेइज़्ज़ती हुई और देखते देखते यह घटना सारे देश में वायरल हो गई. कैश के बदले वोट कांड लीक हो गया और फ़ज़ीहत हुई सो अलग. अब राजनैतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं इस कांड का असर कल महाराष्ट्र चुनाव में देखने को मिलेगा. लेकिन जिस तरह से बीजेपी को चुनाव मैनेज करने की कला आती है उसको देख कर लगता है बहुत नुकसान इस घटना का नहीं पड़ेगा.
वोट के बदले नोट कांड का पर्दा फास किया बहुजन विकास अघाड़ी के नेता और कार्यकर्ताओं ने, उनको पता चला कि बीजेपी नेता कैश बाट रहे हैं तो उन्होंने होटल में बवाल काट दिया और वीडियो बना कर सारा कांड वायरल कर दिया, चलिए डिजिटल इंडिया की मुहिम कहीं तो काम आई.
बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं का दावा है कि बीजेपी नेता विनोद तावड़े 5 करोड़ कैश लेकर बैठे थे. यानी सइयाँ भये कोतवाल तो अब डर काहे का. कहावत का स्टिंग ऑपरेशन चल रहा था. इस बीच दोनों दलों में संघर्ष चला बाहुबलियों के बीच चल रहे संघर्ष को पुलिस भी खामोशी से निहारती रही. आख़िर बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन ? नागरिक सुरक्षा का ऐसा हाल पहली बार देखा. चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है कि वो निष्पक्ष मतदान कराए और मतदाताओं के बीच लोकतंत्र के प्रति जागरूकता और भरोसा बनाए रखने में सहयोग करे. लेकिन क्या चुनाव आयोग अपनी ज़िम्मेदारी और ईमानदारी पर खरा उतर पाएगा ? शोशल मिडिया में हल्ला मचा तो प्रशासन थोड़ा हरकत में आया और बीजेपी महासचिव के ख़िलाफ़ मामला दर्ज हुआ है. अब विपक्ष कहने लगा है कि क्या चुनाव आयोग इस मामले पर कार्यवाही करेगा ?