प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव ने सुनी बिनसर की समस्याएं: विपिन जोशी

7 नवंबर 2024 को पर्यावरण और मानव एवं वन्य जीव संघर्ष के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव, रंजन मिश्र ने कार्यालय अयारपानी अल्मोड़ा में विभिन्न सामाजिक तथा पंचायती संगठनों के साथ बिनसर वन्यजीव विहार से प्रभावित गांवों की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की। ग्रामीणों ने प्रमुख वन संरक्षक के साथ गांवों की समस्याएं साझा करते हुए कहा कि वर्तमान में आम जनजीवन निम्नलिखित समस्याओं से त्रस्त है – बंदरों, सूअरों व तेंदुओं के आतंक से निजात दिलाने, पर्यटन का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने हेतु संपर्क मार्गों को दुरस्त करने, अग्नि बटियाओं का पुनरनिर्माण करने, फायर वाचरों को समुचित प्रशिक्षण एवं आवश्यक उपकरण दिये जाने, बिनसर में पर्यटकों से लिया जाने वाले प्रवेश शुल्क को प्रभावित गांवों के विकास में खर्च करने, तथा वनाग्नि नियंत्रण हेतु जागरूकता अभियान चलाये जाने हेतु आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
ग्रामीणों ने कहा कि बिनसर अभयारण्य में फील्ड स्तर पर कर्मचारियों की कमी है। यहां स्वीकृत वन आरक्षी के 8 पद स्वीकृत हैं लेकिन इनमें से मात्र मात्र पद कार्यरत है। इनमें भी 2 वन आरक्षी प्रशिक्षणार्थी होने के कारण उनको वन बीटों की जिम्मेदारी नहीं दी गयी है।
यह सोचनीय है कि 45.59 वर्ग किमी. में विस्तारित बिनसर अभयारण्य की सुरक्षा का जिम्मा मात्र 3 वन आरक्षी के हवाले है। तथा धरातल पर कार्यरत वन दरोगा भी मात्र 2 हैं, ऐसी स्थिति में ग्रामीणों व वन विभाग के मध्य संवाद हीनता के चलते वनाग्नि नियंत्रण में ग्रामीणों का उचित सहयोग विभाग को नहीं मिल पाता है.
प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्र ने मांगों एवं दिये गये सुझावों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।बैठक में मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डां. धीरज पांडे, लोक प्रबंध विकास संस्था से संचालक ईश्वर जोशी, वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह पिलख्वाल, बिनसर न्याय मंच से अध्यक्ष चंदन सिंह, संसाधन पंचायत के अशोक भोज, दीप्ति भोजक, वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल, आदि मौजूद रहे.