श्रम विभाग की अनियमित्ता

जनपद बागेश्वर में श्रम विभाग की कार्य प्रणाली को लेकर अनियमित्ताओं की नई सूची सामने आई है। इन दिनों जनपद स्तर पर श्रम कार्ड अपडेट हो रहे हैं, नये पंजिकरण भी हो रहे हैं। जनपद के तीनों विकास खण्डों के श्रम कार्ड जनपद में किये जाने से श्रम विभाग पर कार्य बोझ भी बढ़ रहा है। गरूड़ विकास खण्ड के कुछ श्रमिकों ने बताया कि श्रम विभाग ने दूर दराज से आने वाले श्रमिकों की सुविधाओं का कोई ख्याल नहीं रखा है। श्रमिकों को घंटो तक लाइन में खड़ा किया जा रहा है। साथ में सभी श्रमिकों का ब्लैड सैम्पल भी लिया जा रहा है, उनसे कुछ शुल्क भी लिया जा रहा है शुल्क की रशीद नहीं मिल रही है। श्रमिकों को यह भी नहीं बताया जा रहा है कि उनका ब्लैड सैम्पल क्यों लिया जा रहा है। श्रमिको ने जानकारी दी की कोई एनजीओ इस कार्य को संपादित कर रही है लेकिन ये कौन सी एनजीओ है इस बात का भान भी श्रमिको को नहीं है। इस संबंध में श्रम अधिकारी बागेश्वर से फोन पर जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन श्रम अधिकारी ने हैलो की ध्वनि के साथ फोन काट दिया।
इस पूरे मामले को लेकर गरूड़ के जनप्रतिनिधियों कांग्रेस तथा बीजेपी ने निशा रानी, तहसीलदार गरूड़ से मुकाकात की और एक ज्ञापन तहसीलदार के मार्फत जिलाधिकारी को प्रेषित किया। ज्ञापन में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र किया गया है। जैसे – गरूड़ विकासखण्ड के लिए सप्ताह में तीन दिन का समय रखा है। एनजीओ ब्लॉक स्तर पर आकर लोगों की समस्याओं का निराकरण नहीं कर रही है। श्रमिकों को बागेश्वर जाना पड़ रहा है, जिसमें गरीब श्रमिकों का काफी पैसा व्यय हो रहा है। श्रमिकों से श्रम कार्ड अपडेट करने और कृषि किट का शुल्क वसूला जा रहा है। श्रमिकों के लिए न्यूनतम सुविधाएं भी मुहैया नहीं है। जैसे – पेय जल, टॉयलेट आदि। ज्ञापन में जिलाधिकारी से निवेदन किया गया है कि गरूड़ ब्लॉक का श्रम कैम्प निर्धारित तय दिनों में गरूड़ ब्लॉक में ही लगाया जाए ताकी श्रमिकों को अधिक लाभ मिल सके। भौगोलिक दृष्टि से गरूड़ ब्लॉक काफी फैला हुआ है श्रमिकों को टैक्सी बुक कराके जाना पड़ता है। इस प्रकार अतिरिक्ति आर्थिक भार भी श्रमिकां को उठाना पड़ता है। ब्लॉक स्तर पर कैम्प लगने से काफी राहत मिलेगी। तहसीलदार गरूड़ ने उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए ज्ञापन स्वीकार किया।

Vipin Joshi