धूप हो या वर्षा झम, डटे रहेंगे यूं ही हम

Vipin Joshi

लाहूर घाटी प्रदर्शन : दिवस 15
10 जुलाई 2024
लोकतंत्र की महानता है कि अपने अधिकारों के लिए जनता अहिंसक आंदोलन का तरीका अपनाती है। बागेश्वर, गरुड़ ब्लाक के सुदूरवर्ती क्षेत्र लाहूर घाटी में ग्रामीणों का अहिंसक आंदोलन तमाम चुनौतियों के बाद भी जारी है। घाटी के ग्रामीण अपना सब काम छोड़ कर लाहूर नदी के किनारे डाकघट कस्बे में बैठे हैं। बारिश में टपकता टेंट गीला मैदान इनके हौसले को तोड़ने में अब तक नाकाम रहा है।
लाहूर घाटी में ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन आज 15 वे दिन भी जारी रहा। पांच सूत्री मांग को लेकर ग्रामीण बारिश, धूप और कठिन स्थितियों की परवाह किए बिना प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही ग्राम प्रधान सुराग कु .चंपा ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधि उनकी जायज मांगों को उपेक्षित कर रहे हैं। दो सप्ताह से अधिक हो गए हैं जन प्रतिनिधि आंदोलन स्थल तक नहीं पहुंचे हैं। एसडीएम गरुड़ एक दिन धरना स्थल तक पहुंचे लेकिन वार्ता बहुत सफल नहीं रही, जन प्रतिनिधि धरने को समर्थन नहीं दे रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
आज लाहूर घाटी प्रदर्शन को समर्थन देने अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष भैरव नाथ टम्टा, जिला उपाध्यक्ष एस सी प्रकोष्ठ लक्ष्मण आर्या, धीरज कुमार, नंदन सिंह आदि पहुंचे।
सामाजिक कार्यकर्ता भैरव नाथ टम्टा ने कहा कि सरकार को लाहूर घाटी की समस्याओं पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। ग्रामीणों के प्रदर्शन को तोड़ने की कोशिशें भी जायेंगी लेकिन ग्रामीण तब तक अपने प्रदर्शन को जारी रखें जब तक धरातल में कार्य शुरू नहीं हो जाता।
इसी क्रम में आनंद दिन परिहार ने कहा कि यदि शीघ्र मांगे नहीं मानी गई तो समस्त लाहूर घाटी उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।
लाहूर घाटी गरुड़ से विपिन जोशी।