केविशील्ड की साइड इफैक्ट गाथा

Vipin Joshi/swarswatantra.in

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर दुनियां भर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। दुनियां के इन देशों ने तो कोविशील्ड वैैक्सीन को बैन भी कर दिया है। साइड इफैक्ट की खबरें आते ही भारत के लोक सभा चुनावों में राजनैतिक बयान तेज हो गए। विगत एक सप्ताह से सारे मीडिया प्लेट फाॅर्म में कोविशील्ड के साइड इफैक्ट की चर्चा तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि कोविशील्ड से खून के थक्के बन रहे हैं और हार्ट अटैक, बे्रन हैमरेज जैसी घातक बिमारियां हो रही है। अमेरीका ने तो कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी को एक हजार मिलीयन डाॅलर का जुर्माना भी लगाया है। वहीं दूसरी ओर जानकार बता रहे हैं कि कोविसील्ड लगाने के साइड इफैक्ट हो सकते हैं लेकिन यह प्रभाव एक लाख में किसी एक पर प्रभावी हो सकता है। जानकार बताते हैं कि किसी भी वैक्सीन या दवाई का साइड इफैक्ट शरीर में हो सकता है। इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है, शांत चित्त से वैज्ञानिक तथ्यों पर ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन चिंता वाली बात यह है कि कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत एस्ट्राजेनेका के कोविड टीके का उत्पान किया। सीरम कंपनी ने 8 मई को बताया कि कंपनी ने 2021 से टीके की अतिरिक्त डोज का निर्माण और आपूर्ति बंद कर दी है। साइड इफैक्ट की पुष्टी होने के बाद अब एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड को बाजार से वापस लेने का निर्णय किया गया है।
गौरतलब है कि भारत में सीरम इंस्टीटयूट आफ इंडिया ने कोविशील्ड ब्रांड के तहत एस्ट्राजनेका की कोविड वैक्सीन का भरपूर उत्पादन किया था। एस्ट्राजेनेका ने कोविड 19 टीके का उत्पादन करने के लिए एक्सफोर्ड युनिवर्सीटी के साथ साझेदारी की थी। दुनियां के कई देशो में उक्त वैक्सीन को करोड़ो नागरिकों ने लगाया। भारत में राजनैतिक चंदे के रूप में उक्त वैक्सीन कंपनी ने करोड़ों का चंदा भी दिया और सरकार तथा कुछ गैर सरकारी हितकारी संस्थाओं ने गाॅव-गाॅव घूमकर स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर नागरिकों को भारी मात्रा में कोविशील्ड के टीके लगवाएं। अब खबर है कि कोविशील्ड के साइड इफैक्ट तेजी से फैलने लगे हैं। यह तो शोध का विषय है कि कोविशील्ड के साइड इफैक्ट हर टीकाधारी को हो रहे हैं या फिर इसके चांस बहुत माइनर है ? शोध और परिणाम दोनों भविष्य के गर्त में है, हमें पैनिक नहीं होना है और अपनी सामान्य जीवन चर्या में रहते हुए जागरूक बनता है। क्योंकी अब हमारे हाथ में क्या है वैक्सीन तो लग चुकी है। जो होगा देखा जायेगा, सात्विक भोजन करें, व्यायाम करें, अपने परिवार और मित्रों को समय दें। बहुत ज्यादा पैसा-पैसा ना करें सब माया यहीं धरी रह जाती है। जानकार बनें, क्योंकी जानकारी ही बचाव है।

 

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