पानी का घालमेल : विपिन जोशी

पानी का घालमेल :
भारत सरकार और उत्तराखण्ड सरकार की बहुउद्देशीय योजना थी जल जीवन मिशन याने घर-घर नल। बस सिर्फ नल क्योकी जल या तो गायब है या फिर तुर-तुर करके रेंगता हुआ किसी स्टैण्ड पोस्ट तक पहॅुच भी गया तो गनीमत समझो। किस्सा है वैसे तो संपूर्ण उत्तराखण्ड का लेकिन एक गॉव से समझते हैं जल जीवन मिशन के घोटाले को विस्तार से। दो वर्ष पूर्व तैलीहाट के ग्रामीणों के अथक प्रयासों से 65 लाख की परियोजना पर काम शुरू हुआ। नदी के किनारे लिफ्ट योजना के तहत 260 मीटर गहरी ड्रील कराई गई 13 पाईप लगने थे ग्रामीण बताते हैं कि 260 मीटर गहरा डी्रल होना था लेकिन सिर्फ 35 मीटर डी्रल किया गया और काफी राजैनतिक दबाव के बाद ग्रामीणों के हो हल्ला करने के बाद 5 अप्रैल को पेयजल योजना को पानी का डिस्चार्ज नापने के लिए दो घंटा चलाया गया। पानी का डिस्चार्ज स्टोरेज टैंक पर नापना था, हालांकी स्टोरेज टैंक अभी बना नहीं है। पानी का डिस्चार्ज बहुत कम है 4 सेकेण्ड में 1 लीटर पानी भर रहा है। स्टोरेज टैंक की क्षमता है 27500 लीटर इस हिसाब से टैंक को लगभग 27 घंटे लगेंगे भरने में यदि पानी लगातार चालू रहा तो।
दो साल से जल जीवन मिशन की योजना में अटक-अटक कर निर्माण कार्य चल रहा है। ग्रामीणों ने मनरेगा स्कीम में जो टैंक बनाया था अब उसे स्टोरेज टैंक बनाया जा रहा है। रेता मिट्टी में तब्दील हो रहा है विभागीय एक्शन और जेई कहते हैं कि एक महीने में टैंक बन कर तैयार हो जाएगा। तब तक इस सूखे सीजन में ग्रामीण पानी के संघर्ष से जूझते रहेंगे। इस पूरे किस्से में कौन दोषी है। योजना का मुख्य ठेकेदार कहता है कि विभाग ने उसे भुगतान नहीं किया है, विभाग कहता है कि कार्य संतोषजनक नहीं है तो भुगतान में विलंब हो रहा है। स्वयं मैंने तीन शिकायतें जल जीवन मिशन की उक्त योजना के खिलाफ तहसील प्रशासन को दी हैं। उस पर भी कोई लिखित जवाब नहीं आया है। मुख्य मंत्री पोर्टल में भी मामला लगाया है। साथ में सूचना के अधिकार से जानकारी मांगी है। ग्राम वासियों का एक ही सवाल है कि सरकार ने 65 लाख खर्च किए हैं तो उसका समुचित लाभ ग्रामीणों को मिलना चाहिए। सरकारी योजनाओं का बुरा हाल तब होता है जब जनता योजना के प्रति जागरूक न हो। समय-समय पर निगरानी करने और विभाग से जानकारी लेने के बाद भी परियोजना का हाल संतोषजनक नहीं है तो स्थिति की गंभीरता जग जाहिर है। उक्त प्रकरण पर ग्रामीणों ने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट से भी मुलाकात की मंत्री महोदय ने फोन पर एक्शन को निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह में पानी की लाइन शुरू नहीं हुई तो अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। एक्शन साहब अब हरकत में है। पानी तो चढ़ चुका है लेकिन इस चढ़ाई में पानी का दम फूल गया है साथ में योजना को भी दमा न हो जाए। इस गंभीर मामले पर विभाग तुरंत कार्यवाही करे, पाइप लाइन की मुख्य स्रोत पर गहराई की जांच डीपीआर के आधार पर हो।

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