पर्यावरण संरक्षण के सिपाही : भूपेंद्र मेहरा

पर्यावरण संरक्षण के सिपाह

भूपेंद्र सिंह मेहरा पर्यावरण संरक्षक नाम से जाने जाते हैं और हल्द्वानी, उत्तराखंड से है। पर्यावरण संरक्षण के लिए इनकी निष्ठा और प्रयास बहुत सराहनीय रहे है इन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, भू-संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता के लिए सामाजिक चेतना जगाने में अथक प्रयास किए हैं। पर्यावरण संरक्षण जागरण के लिए देशभर में 40 हजार किलोमीटर की साईकिल यात्रा की है। इन्ही क्रमिक प्रयासों में 2018 में मेहराजी ने 58 साल की ढलती उम्र की भी परवाह न कर देहरादून से मुंबई तक की लंबी साईकिल यात्रा बिना थके-रूके पूरी की। भूपेंद्र मेहरा की उपलब्धि और समर्पण को देख उन्हें समाजिक संस्थाओं और संगठनों ने सम्मानित कर आर्थिक सहयोग भी दिया। गोवा की तत्कालीन राज्यपाल महामहिम मृदुला सिन्हा ने भूपेंद्र मेहरा की प्रशंसा कर उनको सम्मानित किया। राज्य सरकार ने भी उन्हें सम्मानित किया।

आज सारी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण की समस्याओं से जूझ रही है ऐसे में पर्यावरण को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाए रखना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है, चाहे हम स्वयं यह कार्य करें या फिर इस दिशा में कार्य करने वालो को प्रोत्साहित करें और उनकी हरसंभव मदद करें। पर्यावरण और पर्यावरणप्रेमी दोनों का संरक्षण जरूरी है।

तमाम सुविधाओं, उच्चस्तरीय खान-पान और मेडिकल सुविधाओं के वाबजूद भी किसी भी खेल का खिलाड़ी 30-35 की उम्र तक थक कर रिटायर हो सन्यास ले लेता है लेकिन भूपेंद्र मेहरा के जज्बे के सामने उम्र छोटी हो गई। प्रयास अथक तो बूढ़ा शरीर भी अथक हो गया। ढलती उम्र में दधीचि ऋषि के जैसे शरीर के समर्पण से उनके दोनों पैर खराब हो गए। डॉक्टरों ने कहा बहुत साइकिलिंग की फटीक और एग्जार्शन से पैरों के ज्वाइंट्स खराब हो गए हैं। हल्द्वानी, बरेली, दिल्ली फिर चंडीगढ के इलाज से कुछ खास राहत नही मिली। पुरूस्कार सहायता-सहयोग में मिले रूपये भी इलाज में खत्म हो गए। भूपेंद्र मेहरा जी के इकलौते बेटे की कुछ समय पहले आकस्मिक मृत्य हो गई। पुत्र शोक में बहुत आहत और टूट चुके है अब घर में कोई कमाने वाला भी न रहा।

आज मेहरा जी की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। जिस समाज के भले के लिए उन्होंने इतने प्रयास किए आज उसी संवेदनशील समाज की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे मुश्किल वक्त में मेहरा जी को हरसंभव आर्थिक मदद दी जाए ? हमारी संस्कृति और संस्कारों में दान देने से धर्म और धन दोनों की वृद्धि होने की बात कही गई है एक तिनके का सहारा जैसी हमारी छोटी सी सहायता भी उनके मुश्किल वक्त को पार कर सकती है।

आओ इस कपकपाते आशा के दीप को पुन: देदिप्यमान

करते है।

सहायता राशि भेजने के लिए:-

Bhupendra Singh Mehra

SBI Account No.30945827681

IFSC code.SBIN11416

T P Nagar,Rampur Road Haldwani,Uttarakhand

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