Swar Swatantra https://swarswatantra.in Latest News | Breaking News | Live News Mon, 28 Apr 2025 02:26:06 +0000 hi-IN hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://swarswatantra.in/wp-content/uploads/2021/06/swarswatantra-2-150x150.png Swar Swatantra https://swarswatantra.in 32 32 फिल्म समीक्षा : हेमवंती https://swarswatantra.in/archives/10768?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ab%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25ae-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2580%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b7%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%2580 https://swarswatantra.in/archives/10768#respond Mon, 28 Apr 2025 02:26:06 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10768 फिल्म समीक्षा गढ़वाली लघु फिल्म: हेमवंती *शादी के बाद टूटा दुःखो का पहाड़, चली गई हेमवंती की आँखों की रोशनी..हेमवंती और उत्तम की प्रेम कहानी..!* का सच्चा स्वरूप पर्दे पर देखिए गढ़वाली मूवी *हेमवंती* में। गढ़वाल और कुमाऊं अंचल ने संस्कृति के उन्नयन और उत्थान हेतु नित नए मील के पत्थर खड़े किए हैं,इसी कड़ी ... Read more

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फिल्म समीक्षा
गढ़वाली लघु फिल्म: हेमवंती

*शादी के बाद टूटा दुःखो का पहाड़, चली गई हेमवंती की आँखों की रोशनी..हेमवंती और उत्तम की प्रेम कहानी..!* का सच्चा स्वरूप पर्दे पर देखिए गढ़वाली मूवी *हेमवंती* में।
गढ़वाल और कुमाऊं अंचल ने संस्कृति के उन्नयन और उत्थान हेतु नित नए मील के पत्थर खड़े किए हैं,इसी कड़ी में कल २४अप्रैल को रिलीज हुई गढ़वाली मूवी *हेमवंती* का जिक्र बहुत जरूरी प्रतीत होता है।
*जहां मोहब्बत मजबूरी नहीं ताकत बन जाती है* की टैग लाइन पर *उत्तराखंडी लोक कलाकार uk 13* बैनर तले लेखक,निर्माता और निर्देशक सचिन रावत के निर्देशन में फिल्माई गई इस सच्ची कहानी पर आधारित लघु फिल्म का कथानक और फिल्मांकन का सामंजस्य इतना सटीक बना है कि पूरे सवा घंटे दर्शकों को बांधे रखने की पूरी ताकत रखता है, उत्तराखंडी संस्कृति का पूरा पूरा समावेश फिल्म की लोकेशन और डायलॉग्स में देखने को मिलता है।
फिल्म की सूटिंग लोकेशन गढ़वाल अंचल के बजीरा (जखोली), बधानी ताल,गुप्तकाशी, डीलाना गांव की है।
छायांकन निर्देशक सौरभ पंवार ने फिल्म में बेहतरीन छायांकन स्टोरी के अनुरूप किया है।
फिल्म के मुख्य कलाकार अनुष्का पंवार,पीयूष बुटोला,विनीता राना, लखपत राना,अंकिता मेहरा,शीतल नेगी, अवनि राना, त्रिपण राना,सचिन रावत, रितिक राना,सविता पुंडीर ने इस लघु फिल्म में कहानी के अनुरूप जीवन्त अभिनय किया है।
फिल्म के असली किरदार रुद्रप्रयाग जिले के उत्तम गांव – फलासी दुर्गाधार चोपता के उत्तम और हेमवंती हैं।
फिल्म का कथानक पूरी तरह से पर्वतीय मध्यम वर्गीय परिवारों के इर्द गिर्द घूमता है। सच्ची कहानी पर आधारित इस लघु फिल्म में उत्तम और हेमवंती को प्यार होता है और उनका प्यार परिवारों की सहमति से परवान भी चढ़ता है दोनों एक दूसरे को अपने जीवन की सच्चाई भी खुलकर बता देते हैं।सामान्यतया प्यार और विवाह के मामलों में दोनों ही पक्ष अच्छाइयों का बखान करते हैं और बुराइयों पर पर्दा डाल देते हैं परन्तु इस कहानी में हेमवंती उत्तम को पहले ही बता देती है कि उसे शुगर की बिमारी है जिसका कोई स्थाई इलाज उसे नहीं मिल पा रहा है,उत्तम भी प्यार की पींगे बढ़ाते समय खुद को पुलिस की नौकरी में बताता था परन्तु विवाह प्रस्ताव के दौरान बता देता है कि वह कोई सरकारी नौकरी में नहीं है बल्कि होटल प्रबन्धन की पढ़ाई करता है दोनों एक दूसरे की कमजोरियों को समझ एक दूजे के हो जाते हैं। शुगर बढ़ जाने कारण हेमवंती को विवाह के कुछ समय बाद ही आंखों में झिलमिलाहट होने लगती है उसे गर्भ स्राव भी हो जाता है और उसकी आंखों की रोशनी पूरी तरह चली जाती है,बावजूद इसके गृहस्थ धर्म और सप्तपदी के साथ फेरों की मर्यादा निभाते हुए दोनों एक दूसरे के प्रति समर्पित हैं रील लाइफ में भी और रियल लाइफ में भी।आंखों की रोशनी चले जाने के बाद भी अंदाजन अनुमान लगाकर हेमवंती गृहस्थी के रोजमर्रा कामों को कुशलता से संचालित कर रही हैं और उत्तम बदली हुई परिस्थितियों में गांव में ही छोटा रेस्टोरेंट चलाकर गृहस्थी की गाड़ी ढो रहे हैं,जिन्दगी जटिल जरूर है पर दोनों का एक दूसरे के प्रति समर्पण इसे चलने लायक भी बना दे रहा है।
खुद की लीवर संक्रमण जैसी गंभीर बिमारी के बावजूद निर्माता निर्देशक सचिन रावत का दावा भी और वादा भी है कि फिल्म से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा हेमवंती और उत्तम को सहयोग की जाएगी।
कुल मिलाकर मनोरंजन,मध्यवर्गीय परिवारों की हकीकत,बीमारियों के प्रति लापरवाही, सद्चरित्र,सहजता और ईमानदारी का पुट लिए यह फिल्म न केवल देखी जानी चाहिए बल्कि शुगर बिमारी रोकथाम जागरूकता एवं स्कूली शिक्षा के साथ इसका सार्वजनिक उपयोग भी किया जाना चाहिए।
समीक्षक : हरीश जोशी
स्वतंत्र पत्रकार

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डी एम पहुंचे गेहूँ के खेत में https://swarswatantra.in/archives/10764?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25a1%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%258f%25e0%25a4%25ae-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%259a%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%2581-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25a4-%25e0%25a4%25ae https://swarswatantra.in/archives/10764#respond Wed, 23 Apr 2025 12:55:49 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10764 जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को भिटालगाँव में किसान दान सिंह के खेत में गेहूँ की क्रॉप कटिंग का निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम 2024-25 के लिए गेहूँ की औसत उपज का आकलन करना है, जो राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत फसल क्षतिपूर्ति के आंकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्रॉप कटिंग ... Read more

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जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को भिटालगाँव में किसान दान सिंह के खेत में गेहूँ की क्रॉप कटिंग का निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम 2024-25 के लिए गेहूँ की औसत उपज का आकलन करना है, जो राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत फसल क्षतिपूर्ति के आंकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
क्रॉप कटिंग के दौरान निर्धारित 30 वर्ग मीटर का प्लाट बनाकर गेहूँ फसल की कटाई की गई। कटाई के बाद इस प्लाट से कुल 12.300 किलोग्राम गेहूँ की बालियाँ प्राप्त हुईं। 60 प्रतिशत का ड्राई रेशियो लगाने पर अनुमानित उपज 7.38 किलोग्राम रही। क्रॉप कटिंग प्रयोग शासन द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत बीमा किए गए फसलों पर बीमा धनराशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है, और क्षति का आंकलन इन्हीं क्रॉप कटिंग प्रयोगों से प्राप्त पैदावार के आंकडों के आधार पर किया जाता है।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी मोनिका, तहसीलदार दलीप सिंह, अपर संख्याधिकारी विनोद किस्वाण सहित किसान मौजूद रहे।

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भूमाफिया संस्कृति के ख़िलाफ़ कार्यवाही : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10762?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ad%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ab%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2583%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25bf-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2596%25e0%25a4%25bc%25e0%25a4%25bf https://swarswatantra.in/archives/10762#respond Wed, 23 Apr 2025 10:42:57 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10762 कौसानी में राज्य सरकार व कुमाऊं आयुक्त के निर्देशन में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी व्यक्तियों द्वारा आवासीय जमीन पर रिसॉर्ट और होटल बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार व आयुक्त महोदय के आदेशों के क्रम में कौसानी में जांच की गई, जिसमें ... Read more

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कौसानी में राज्य सरकार व कुमाऊं आयुक्त के निर्देशन में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी व्यक्तियों द्वारा आवासीय जमीन पर रिसॉर्ट और होटल बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार व आयुक्त महोदय के आदेशों के क्रम में कौसानी में जांच की गई, जिसमें 9 ऐसे मामले पाए गए थे जिनमें आवासीय प्रयोजन में जमीन खरीदी गई थी और गैर-आवासीय कार्य किए जा रहे थे।

इनमें से 6 मामलों का निस्तारण हो गया है, जमींदारी विनाश अधिनियम 1950 धारा 166/167 में उनकी जमीन को राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। इसमें एक जनार्दन रिसॉर्ट भी शामिल है, जिसके मालिक अतुल कुमार सिंह और उमेश कुमार व गार्गी पत्नी उमेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

उपजिलाधिकारी ने कहा कि भूमि संबंधी कोई भी उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक सबक है जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और सरकारी जमीन या आवासीय जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं।

इस कार्रवाई से कौसानी के विकास और संरक्षण में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण किया जा सके।

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पेंशन, आधार सीडिंग व यूसीसी पंजीकरण पर जिला प्रशासन सख्त https://swarswatantra.in/archives/10757?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25b6%25e0%25a4%25a8-%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%25a7%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%2580%25e0%25a4%25a1%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%2597-%25e0%25a4%25b5-%25e0%25a4%25af%25e0%25a5%2582%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%2580%25e0%25a4%25b8 https://swarswatantra.in/archives/10757#respond Tue, 22 Apr 2025 11:05:55 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10757 पेंशन आधार सीडिंग व यूसीसी पंजीकरण में तेजी लाएं: जिलाधिकारी। Vipin Joshi जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के आधार कार्ड सीडिंग और यूसीसी पंजीकरण की प्रगति की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने दोनों कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के सख्त निर्देश ... Read more

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पेंशन आधार सीडिंग व यूसीसी पंजीकरण में तेजी लाएं: जिलाधिकारी।

Vipin Joshi

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के आधार कार्ड सीडिंग और यूसीसी पंजीकरण की प्रगति की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने दोनों कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के सख्त निर्देश दिए, जिसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी भटगांई ने समीक्षा बैठक के दौरान खंड विकास अधिकारियों, लीड बैंक अधिकारी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वृद्धावस्था, दिव्यांग, विधवा आदि पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों के आधार सीडिंग का कार्य अगले सात दिनों के भीतर हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने जोर दिया कि सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पेंशनर्स को समय पर मिल सके, इसके लिए इस दिशा में तेजी से काम करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बिल्कुल भी क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने प्रबंधक इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को भी निर्देश दिए कि सामान्य डाकघरों में संचालित लाभार्थियों के खातों को एक सप्ताह के भीतर विशेष अभियान चलाकर इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खातों में परिवर्तित कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि आधार कार्ड सीडिंग कार्य की नियमित निगरानी करते हुए पेंशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की आधार सीडिंग शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आधार सीडिंग होने से लाभार्थियों को जहां समय से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, वहीं पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बनी रहेगी। इस कार्य को समयबद्धता से पूरा करने के लिए उन्होंने समाज कल्याण विभाग के साथ ही ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है।

समीक्षा बैठक में यूसीसी पंजीकरण की प्रगति पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने यूसीसी पंजीकरण में तेजी लाने के लिए राजस्व विभाग की टीम, खंड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और नगर निकायों के अधिकारियों को युद्ध स्तर पर पंजीकरण में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसे एक अभियान के तौर पर लेते हुए नगर निकायों में वार्डवार और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत व न्याय पंचायत स्तर पर रोस्टर निर्धारित कर शिविर लगाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को नियमित निगरानी करते हुए प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित कर अभियान के तौर पर यूसीसी पंजीकरण में तेजी लाने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जिन स्थानों पर शिविर लग चुके हैं, वहां पर भी रोस्टर के अनुसार पुनः शिविर लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने इस कार्य में भी किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।

इस दौरान समाज कल्याण अधिकारी जसमीत कौर, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर रोहित बहुगुणा सहित वर्चुअल माध्यम से लीड बैंक अधिकारी, खंड विकास अधिकारी और सभी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी जुड़े रहे।

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बागेश्वर पुलिस अराजकता के ख़िलाफ़ हुई मुखर https://swarswatantra.in/archives/10754?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ac%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b8-%25e0%25a4%2585%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%259c%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2595 https://swarswatantra.in/archives/10754#respond Tue, 22 Apr 2025 10:37:58 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10754 अराजक तत्वों/मनचलों पर लगाम लगाने व ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्व सी0ओ0बागेश्वर के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस का सघन चैकिंग अभियान लगातार जारी। इसी क्रम में सभी थाना प्रभारियों द्वारा भी अपने-अपने थाना क्षेत्र में चलाया सघन चैकिंग अभियान. पुलिस अधीक्षक, बागेश्वर चंद्र शेखर घोड़के के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक, बागेश्वर ... Read more

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अराजक तत्वों/मनचलों पर लगाम लगाने व ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के विरुद्व सी0ओ0बागेश्वर के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस का सघन चैकिंग अभियान लगातार जारी।

इसी क्रम में सभी थाना प्रभारियों द्वारा भी अपने-अपने थाना क्षेत्र में चलाया सघन चैकिंग अभियान.

पुलिस अधीक्षक, बागेश्वर चंद्र शेखर घोड़के के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक, बागेश्वर व प्रभारी निरीक्षक कोतवाली श्कैलाश सिंह नेगी के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस टीम द्वारा देर रात्रि तक नगर क्षेत्र में पैदल मार्च कर अराजक तत्वों/मनचलों पर लगाम लगाने व यातायात नियमों का पालन न करने वालों के विरूद्ध सघन चैकिंग अभियान चलाया गया जिसमें वाहनों, होटलों, ढाबों आदि को चैक किया गया एवं बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन चैक किये गये साथ ही दुकानदारों व फड़ फेरी लगाने वालों को सुगम यातायात के दृष्टिगत सड़क मार्ग पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न फैलाने हेतु सख्त हिदायत दी गयी।

इसी क्रम में जनपद पुलिस द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रान्तर्गत चैकिंग अभियान चलाया गया एवं सम्बन्धितों के विरुद्व चालानी कार्यवाही की गयी ।
यातायात नियमों का उल्लंघन (ओवरलोडिंग, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, मोबाइल का प्रयोग करना, बिना रिफ्लेक्टर, बिना नम्बर प्लेट/दोषपूर्ण नम्बर प्लेट, बिना हेलमेट) वाले व सार्वजनिक स्थलों/ धार्मिक स्थलों पर शराब पीकर गन्दगी करने व हुड़दंग करने वाले कुल 68 व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कानूनी कार्रवाई की गई।
विपिन जोशी

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पर्यटकों का कौसानी के प्रति घटता रुझान https://swarswatantra.in/archives/10751?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%259f%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258c%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0 https://swarswatantra.in/archives/10751#respond Mon, 21 Apr 2025 02:54:46 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10751 क्यों कम होने लगा कौसानी, बैजनाथ के प्रति पर्यटकों का रुझान ? यह सवाल अब कौसानी बैजनाथ के होटल व्यवसाइयों के लिए चिंता का सबब बन चुका है। विगत दो वर्षो में उत्तराखण्ड के धधकते वनों ने पर्यटन को प्रभावित किया है तो दूसरी ओर नैनीताल के कैंची धाम में बेतहाशा भीड़ और ट्रेफिक जाम ... Read more

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क्यों कम होने लगा कौसानी, बैजनाथ के प्रति पर्यटकों का रुझान ? यह सवाल अब कौसानी बैजनाथ के होटल व्यवसाइयों के लिए चिंता का सबब बन चुका है। विगत दो वर्षो में उत्तराखण्ड के धधकते वनों ने पर्यटन को प्रभावित किया है तो दूसरी ओर नैनीताल के कैंची धाम में बेतहाशा भीड़ और ट्रेफिक जाम की समस्या ने पर्यटकों का रूझान उत्तराखण्ड के अन्य पर्यटक स्थलों के प्रति कम किया है। अब पर्यटक कैंची धाम से मुक्तेश्वर और नैनीताल का रूख करने लगे हैं। कौसानी के व्यापारी और होटल कारोबारियों का मानना था कि कौसानी में शराब की दुकान खुलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा लेकिन जगह-जगह लगने वाले ट्रेफिक जाम ने पर्यटकों का कौसानी मोह भंग किया है। शराब की दुकानों के साथ सरकार को सड़क यातायात संबंधी मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। व्यापारी कहने लगें हैं कि कैंची धाम से वापस जा रहे हैं पर्यटक। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रहा है पर्यटन विभाग ?
अप्रैल मई में कौसानी और बैजनाथ पर्यटकों से गुलजार रहते थे। कोविड के बाद विगत दो सालों में कौसानी और बैजनाथ में पर्यटकों की आमद कम होने से होटल और लोकल व्यवसाई परेशान और चिंतित हैं। होटल एसोसियन और व्यापार संघ के जिलाध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि कौसानी में पर्यटकों के लिए मनोरंजन के विकल्प होने चाहिए । यातायात को और सुगम बनाना होगा। कैंची धाम में लगातार जाम लगने से पर्यटक आगे का रुख करने से कतराते हैं। क्या सरकार के पास ट्रैफिक जाम से निपटने का कोई तरीका नहीं है ? इस वजह से कौसानी और बैजनाथ में पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं। होटल व्यवसाय चौपट हो गया है। हेली सेवा का लाभ पर्यटकों को मिले इसके लिए हैली पैड से कौसानी तक टैक्सी की सुविधा देनी चाहिए। बैजनाथ के व्यापारियों ने कहा कि बैजनाथ में संग्रहालय और शौचालय की व्यवस्था नहीं है, इस कारण पर्यटकों को ऐतिहासिक शोध से वंचित होना पड़ता है, शौचालय की सुविधा नहीं मिल पाती है। सरकार इस दिशा में जल्दी काम करेगी तो उसका असर पर्यटन पर पड़ेगा।
विपिन जोशी, गरुड़

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सामाजिक सरोकारों का प्रतीक कत्यूर महोत्सव https://swarswatantra.in/archives/10746?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%259c%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%2595-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25a4 https://swarswatantra.in/archives/10746#respond Sun, 13 Apr 2025 02:44:45 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10746 कत्यूर महोत्सव क्यों ? यह सवाल सभी के लिए जरूरी होना चाहिए। समस्त विभाग क्यों तत्पर दिखते हैं इस महोत्सव के लिए ? कुछ दिनो से कौसानी महोत्सव पर भी लोगों के बयान शोसल मीडिया में दिखने लगे हैं। कोई महोत्सव किसी समाज के जीवन का प्रतीक या संकेत होता है या महोत्सव एक नया ... Read more

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कत्यूर महोत्सव क्यों ? यह सवाल सभी के लिए जरूरी होना चाहिए। समस्त विभाग क्यों तत्पर दिखते हैं इस महोत्सव के लिए ? कुछ दिनो से कौसानी महोत्सव पर भी लोगों के बयान शोसल मीडिया में दिखने लगे हैं। कोई महोत्सव किसी समाज के जीवन का प्रतीक या संकेत होता है या महोत्सव एक नया ट्रेन्ड है अपनी सांस्कृतिक पहचान को मंचीय तरीके से परोसने का। बदलते दौर में अब मेलों की शक्ल महोत्सवों में तब्दील होने लगी है। अब ग्रामीण परिवेश नगरीय संस्कृति में बदलने लगा है तो सांस्कृतिक स्वरूप और जीवन शैली में बदलाव आऐंगे ही। परंपरागत लोक को भी नए जमाने के ग्लैमर में पहॅुचने का हक तो है ही हम उसे रोक नहीं सकते। हमारे जीवन में बहुत से तनाव हैं और सुकून भी कम होने लगा है।
इन महोत्सवों के बहाने ही सही कुछ समय स्क्रीन स्को्रलिंग से तो राहत मिलती है। लोग अपनी जगह में बैठ कर मंचीय कार्यक्रमों का लुत्फ उठाते हैं। आसपास लगे स्टॉलों का अवलोकन करते हैं। सहरकारी योजनाओं की जानकारियों से ऑन द स्पॉट रूबरू होते हैं। दूर-दराज के मित्रों से मिलते हैं, कुछ नए दोस्त भी परिचय के दायरे में आते हैं। स्थानीय व्यापारियें को भी आर्थिक सबलता मिलती है। स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता है, अपनी पहचान दिखाने का अवसर भी प्राप्त होता है। पारंपरिक मेलां को मेल मिलाप का माध्यम माना जाता था। तब साधन कम थे, सूचना तकनीकी का प्रभाव आधुनिक नहीं था। वाचिक परंपरा आधारित ज्ञान था। आज लोक जीवन की परिभाषा ही बदल गई है। एआई जैसे इंटरनेट टूल सबकी जेम में हैं। दुनियां तेजी से बदल रही है और बदल चुके हैं संस्कृति के वाहक मेले जो अब महोत्सवों के रूप में नजर आते हैं। बाजार आधारित व्यवस्था ने हमारे सोचने समझने पर भी नियंत्रण कर लिया है। ऐसे माहौल में आधुनिक महोत्सवों का क्या प्रभाव हमारे जन-जीवन में पड़ता है यह अध्ययन का विषय हो सकता है।
गरूड़ में नगर पंचायत बनने के बाद पहली बार कत्यूर महोत्सव का आयोजन हो रहा है। मौसम की बेरूखी भी महोत्सव में खलल डाल सकती है। भकुनखोला खेल मैदान में सरकारी विभागों के स्टॉल लगेंगे, खेल आयोजन, खाने पीने के स्टॉल भी होंगे। इस बार चर्खा और झूला मैदान के बाहर लगेगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच खेल मैदान में लगेगा। कार्यक्रम में स्कूलों की सांस्कृति झांकी, उद्घाटन, वन विभाग का लेजर शो, दीपोत्सव, स्टार नाईट में माया उपाध्याय, कमला देवी, गोविन्द गोस्वामी, जितेन्द्र तोमकियाल प्रमुख होंगे। स्थानीय कलाकारों को भी मंच प्रस्तुति के अवसर मिलेंगे। मेंहदी, ऐपन, शकुनाखर गायन प्रतियोगता को भी इस बार महोत्सव में स्थान मिला है।
उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक बागेश्वर, विधायक कपकोट, केन्द्रीय मंत्री, दर्जा प्राप्त मंत्री, एसडीएम गरूड़, डीएम बागेश्वर, तहसीलदार गरूड़, नगर पंचायत अध्यक्ष गरूड़, जिला पर्यटन अधिकारी, कत्यूर महोत्सव समिती के सभी सदस्य, समस्त पत्रकार बंधु, महिला समूह, समस्त नगर पंचायत सभासद गरूड़, समस्त सरकारी विभाग एवं नागरिक संगठन के सदस्य शामिल होंगे।

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आग का तांडव हर ओर सिर्फ धुँआ : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10741?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%2597-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a1%25e0%25a4%25b5-%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%2593%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25ab-%25e0%25a4%25a7%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2581 https://swarswatantra.in/archives/10741#respond Tue, 08 Apr 2025 14:40:50 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10741 बागेश्वर जनपद के जंगलों में नहीं थम रहा आग का तांडव. जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों के जंगलों में लगातार भीषण आग लगने से जहा एक ओर वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही आग लगने से चारों ओर धुवां छा गया है, जिससे कौसानी से हिमालय का दीदार करने आए पर्यटकों को ... Read more

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बागेश्वर जनपद के जंगलों में नहीं थम रहा आग का तांडव. जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों के जंगलों में लगातार भीषण आग लगने से जहा एक ओर वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही आग लगने से चारों ओर धुवां छा गया है, जिससे कौसानी से हिमालय का दीदार करने आए पर्यटकों को हिमालय नहीं दिखने से पर्यटक मायूस नजर आ रहे हैं. होटल व्यवसायी भी निराश हैं. व्यवसायियों का कहना है कि कौसानी में पर्यटक अच्छे मौसम व हिमालय के दीदार करने को पहुंचता है, ऐसे में चारों ओर आग के धुंए ने विजिबिलिटी कम कर दी है और हिमालय के दीदार नहीं होने से कौसानी आए पर्यटक मायूस हो लौटने को मजबूर हैं.
सामाजिक कार्यकर्त्ता,गिरीश कोरंगा ने बताया कि इस बार समय से पहले ही जंगलों में भीषण आग लग गयी हैं,जंगलों में आग की वजह से यहां आए पर्यटक मायूस लौट रहे हैं क्योंकि उन्हें हिमालय का दीदार नहीं हो पा रहा है, उन्होंने बताया की चारों ओर अभी से धुँवा ही धुँवा फैल गया हैं, जिससे बुजर्गो को भी दिक्कतें हो रही हैं. दमे के मरीजों के लिए यह सीजन मुश्किल भरा है. उन्होंने वन विभाग से आग पर नियंत्रण कर व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कहा है.
उप जिलाधिकारी गरुड़ जीतेन्द्र वर्मा ने बताया की पिछले वर्ष के फायर अनुभव के आधार पर हमने इस वर्ष सर्दियों से ही दावानल की घटनाओं की रोकथाम हेतु योजना बनाई हैं, कई जगहों पर शिविर भी लगाए गए हैं, इन शिविरों में एसडीआएफ, फायर फ़ोर्स, पुलिस विभाग,राजस्व विभाग स्थानीय नागरिक संगठन शामिल रहे, गावों में भी शिविर लगाने की योजना है. उक्जात संदर्गभ में जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैँ. कृषि भूमि तथा वन भूमि में लगाई जाने वाली आग वातावरण के लिए हानिकारक हैं इस बात की जानकारी लोगो को दी जा रही हैं. वर्तमान में तीन आग की घटनाये सेटेलाइट से रिकार्ड हुई हैं, जिले में 32 फायर क्रू स्टेशन बनाये गए हैँ, जिसमे प्रत्येक क्रू स्टेशन में 4 फायर वाचार नियुक्त हैँ, आग लगाने वालों व आग की जानकारी देने वालों की सूचना देने वालों को इनाम भी दिया जायेगा .उन्होंने स्थानीय लोगो अपील की हैं की इस तरह की घटनाओं से बचें, तांकी पर्यटक यहाँ आकर प्राकृतिक छटा का आनंद लें व अच्छा संदेश लेकर जाएँ.
गड़खेत रेंज के वन श्रेत्र अधिकारी केवलानंद पांडे ने लोगों से अपील की है कि फायर सीजन में अपनी नाप भूमि हो या जंगलात की भूमि उसे आग से बचाने में विभाग की मदद करें। केवलानंद पांडे ने जानकारी दी कि उन्होंने अभी तक 38 खूंखार जानवरों को पिंजड़े में कैद किया है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति और वन्य जीव के प्रति वन विभाग अपनी टीम के साथ हमेशा तत्पर है।
पांडे ने बताया कि आम तौर पर तीन प्रकार की आग जंगलों में लगती है। जो आग के व्यवहार और जंगल की संरचना पर आधारित होती हैं।
सतही आग , यह आग जंगल की सतह पर फैलती है और मुख्य रूप से सूखी घास, पत्तियाँ, टहनियाँ और छोटे पौधों को जलाती है। यह सबसे आम प्रकार की जंगल की आग है और इसे नियंत्रित करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
मुकुट आग ,यह आग पेड़ों की चोटियों (मुकुट) तक पहुँचती है और तेजी से फैलती है, खासकर जब हवा तेज होती है। यह बहुत तीव्र और खतरनाक होती है, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर पेड़ों को नष्ट कर देती है।
भूमिगत आग , यह आग जमीन के नीचे जलती है, जहाँ जैविक पदार्थ जैसे पीट या जड़ें मौजूद होती हैं।यह धीरे-धीरे जलती है और लंबे समय तक सुलगती रह सकती है, जिससे इसे बुझाना मुश्किल होता है।
बागेश्वर के वनों में फिलहादल सतही आग ज्यादा फैल रही है। समुदाय और विभाग के समन्वय से इस प्रकार की आग को नियंत्रित किया जा सकता है।

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कपकोट में अपराध पर अंकुश https://swarswatantra.in/archives/10738?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%259f-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2585%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a7-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%2585%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b6 https://swarswatantra.in/archives/10738#respond Tue, 08 Apr 2025 14:02:03 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10738 विपिन जोशी बागेश्वर में नाबालिग लड़कियों से मारपीट,पुलिस ने पीछा कर एक आरोपी को किया गिरफ्तार/कपकोट पुलिस ने गिफ्तार किया दो युवको को. उत्तराखंड के बागेश्वर में एक विचलित करने वाली घटना में, दो नाबालिग लड़कियों को चार युवकों द्वारा बंधक बनाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उनके साथ छेड़छाड़ भी की गई। ... Read more

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विपिन जोशी

बागेश्वर में नाबालिग लड़कियों से मारपीट,पुलिस ने पीछा कर एक आरोपी को किया गिरफ्तार/कपकोट पुलिस ने गिफ्तार किया दो युवको को.

उत्तराखंड के बागेश्वर में एक विचलित करने वाली घटना में, दो नाबालिग लड़कियों को चार युवकों द्वारा बंधक बनाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उनके साथ छेड़छाड़ भी की गई। आरोपी इतने बेखौफ निकले कि भागने के प्रयास में पुलिस वाहन से भी टक्कर मार दी। जबकि एक आरोपी को पकड़ लिया गया है, अन्य अभी भी फरार हैं। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें अपराधी लड़कियों को थप्पड़ मारते, गालियां देते और उन्हें मुर्गा बनने पर मजबूर करते दिखाई दे रहे हैं।

रविवार को कपकोट पुलिस ने तनुज गड़िया, दीपक उर्फ दक्ष, योगेश गड़िया (पुत्र कंचन सिंह, निवासी खाईबगड़ कपकोट) और लक्की कठायत (पुत्र खुशाल कठायत, निवासी कपकोट) के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। उन पर दो नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर एक कमरे में ले जाने का आरोप है, जहां उन्होंने कथित तौर पर उनके साथ छेड़छाड़ की और शारीरिक प्रताड़ना शुरू कर दी। आरोपियों ने इस दौरान वीडियो भी बनाया, जिसमें लड़कियां रोती और हाथ जोड़ती दिखाई दे रही हैं, लेकिन अत्याचार जारी रहा।

रविवार दोपहर, जब पुलिस चारों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी, तनुज को छोड़कर तीनों आरोपी एक कार में कपकोट से भागकर बागेश्वर पहुंच गए। शाम के समय, वरिष्ठ उप निरीक्षक खष्टि बिष्ट अपनी टीम के साथ मंडलसेरा बाइपास के पास गश्त कर रही थीं जब उन्होंने बिना नंबर प्लेट वाली एक कार को रोकने का प्रयास किया।

जैसे ही पुलिस ने कार का दरवाजा खोला, तीनों युवकों ने पुलिसकर्मियों को धक्का देकर गिरा दिया और पुलिस की जीप से टक्कर मारकर भाग गए। पुलिस ने वाहन का पीछा किया और मंडलसेरा बाईपास पुल के पूर्वी छोर पर उसे रोक लिया। इस दौरान कार में सवार दो युवक पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहे, जबकि कार चला रहे 23 वर्षीय आरोपी योगेश गड़िया (पुत्र कंचन सिंह, निवासी खाईबगड़ कपकोट) को गिरफ्तार करके कोतवाली ले जाया गया। फरार हुए लक्की कठायत और दीपक उर्फ दक्ष कोरंगा के खिलाफ धारा 132/221 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।

एसपी बागेश्वर चंद्रशेखर घोड़के ने कहा कि पुलिस को चकमा देकर भागने वाले युवकों की गिरफ्तारी के लिए कपकोट थाना व कोतवाली बागेश्वर से विशेष टीम बनाई गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही भागे हुए आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे और घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।​​​​​​​​​​​​​​​​

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पानी का घालमेल : विपिन जोशी https://swarswatantra.in/archives/10732?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2598%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25b2-%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25a8-%25e0%25a4%259c%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%2580 https://swarswatantra.in/archives/10732#respond Sun, 06 Apr 2025 07:48:59 +0000 https://swarswatantra.in/?p=10732 पानी का घालमेल : भारत सरकार और उत्तराखण्ड सरकार की बहुउद्देशीय योजना थी जल जीवन मिशन याने घर-घर नल। बस सिर्फ नल क्योकी जल या तो गायब है या फिर तुर-तुर करके रेंगता हुआ किसी स्टैण्ड पोस्ट तक पहॅुच भी गया तो गनीमत समझो। किस्सा है वैसे तो संपूर्ण उत्तराखण्ड का लेकिन एक गॉव से ... Read more

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पानी का घालमेल :
भारत सरकार और उत्तराखण्ड सरकार की बहुउद्देशीय योजना थी जल जीवन मिशन याने घर-घर नल। बस सिर्फ नल क्योकी जल या तो गायब है या फिर तुर-तुर करके रेंगता हुआ किसी स्टैण्ड पोस्ट तक पहॅुच भी गया तो गनीमत समझो। किस्सा है वैसे तो संपूर्ण उत्तराखण्ड का लेकिन एक गॉव से समझते हैं जल जीवन मिशन के घोटाले को विस्तार से। दो वर्ष पूर्व तैलीहाट के ग्रामीणों के अथक प्रयासों से 65 लाख की परियोजना पर काम शुरू हुआ। नदी के किनारे लिफ्ट योजना के तहत 260 मीटर गहरी ड्रील कराई गई 13 पाईप लगने थे ग्रामीण बताते हैं कि 260 मीटर गहरा डी्रल होना था लेकिन सिर्फ 35 मीटर डी्रल किया गया और काफी राजैनतिक दबाव के बाद ग्रामीणों के हो हल्ला करने के बाद 5 अप्रैल को पेयजल योजना को पानी का डिस्चार्ज नापने के लिए दो घंटा चलाया गया। पानी का डिस्चार्ज स्टोरेज टैंक पर नापना था, हालांकी स्टोरेज टैंक अभी बना नहीं है। पानी का डिस्चार्ज बहुत कम है 4 सेकेण्ड में 1 लीटर पानी भर रहा है। स्टोरेज टैंक की क्षमता है 27500 लीटर इस हिसाब से टैंक को लगभग 27 घंटे लगेंगे भरने में यदि पानी लगातार चालू रहा तो।
दो साल से जल जीवन मिशन की योजना में अटक-अटक कर निर्माण कार्य चल रहा है। ग्रामीणों ने मनरेगा स्कीम में जो टैंक बनाया था अब उसे स्टोरेज टैंक बनाया जा रहा है। रेता मिट्टी में तब्दील हो रहा है विभागीय एक्शन और जेई कहते हैं कि एक महीने में टैंक बन कर तैयार हो जाएगा। तब तक इस सूखे सीजन में ग्रामीण पानी के संघर्ष से जूझते रहेंगे। इस पूरे किस्से में कौन दोषी है। योजना का मुख्य ठेकेदार कहता है कि विभाग ने उसे भुगतान नहीं किया है, विभाग कहता है कि कार्य संतोषजनक नहीं है तो भुगतान में विलंब हो रहा है। स्वयं मैंने तीन शिकायतें जल जीवन मिशन की उक्त योजना के खिलाफ तहसील प्रशासन को दी हैं। उस पर भी कोई लिखित जवाब नहीं आया है। मुख्य मंत्री पोर्टल में भी मामला लगाया है। साथ में सूचना के अधिकार से जानकारी मांगी है। ग्राम वासियों का एक ही सवाल है कि सरकार ने 65 लाख खर्च किए हैं तो उसका समुचित लाभ ग्रामीणों को मिलना चाहिए। सरकारी योजनाओं का बुरा हाल तब होता है जब जनता योजना के प्रति जागरूक न हो। समय-समय पर निगरानी करने और विभाग से जानकारी लेने के बाद भी परियोजना का हाल संतोषजनक नहीं है तो स्थिति की गंभीरता जग जाहिर है। उक्त प्रकरण पर ग्रामीणों ने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट से भी मुलाकात की मंत्री महोदय ने फोन पर एक्शन को निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह में पानी की लाइन शुरू नहीं हुई तो अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। एक्शन साहब अब हरकत में है। पानी तो चढ़ चुका है लेकिन इस चढ़ाई में पानी का दम फूल गया है साथ में योजना को भी दमा न हो जाए। इस गंभीर मामले पर विभाग तुरंत कार्यवाही करे, पाइप लाइन की मुख्य स्रोत पर गहराई की जांच डीपीआर के आधार पर हो।

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