बिना भार माप तोल के गैर क़ानूनी खनन

Vipin Joshi

9 जून 2024 गरुड़ विकास खंड , गोमती नदी मे धडल्ले से जारी है अवैध खनन. समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों व सोसल मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि गरुड़ के गोमती नदी में बेतहाशा खनन बिना प्रशासन के सत्यापन के दर्जनों डम्पर और भारी भारी पोकलैंड मशीन नियम विरुद्ध खनन कर रहे हैं. पर्यावरण और गोमती नदी के लिए यह एक  गंभीर मुद्दा है . गोमती नदी के किनारे  तैलीहाट गाव में सातवी सदी का प्राचीन सत्यनारायण मंदिर भी स्थित है एक सरकारी जूनियर हाईस्कूल भी नदी के किनारे बना है बरसात में नदी के पानी से आसपास के ग्रामीणों की खेती यक्त जमीने भी खतरे की जद में आ सकती है. लेकिन प्रशासन सब कुछ जानते हुवे भी मौन क्यों है ? यह सवाल आज सबके मन में है गरुड़ सिविल सोसायटी के संरक्षक डीके जोशी (अधिवक्ता ) ने बताया कि अवैध खनन के उक्त मामले के खिलाफ लामबद्ध होने की तैयारी चल रही है.
क्या है मुद्दा ? जानते हैं – बिना भार माप तोल के गैर क़ानूनी रूप से ओवर लोड डम्पर द्वारा खनिज ढोला जा रहा है. खनन पट्टे की निर्धारित खनन क्षेत्र सीमा से अधिक क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से प्रशासन की लापरवाही से खनन किया जा रहा है. घर घर नल योजना  के लिये पेय जल हेतु गोमती नदी में संचालित लिफ्ट पम्प को इस गैर कानूनी खनन से बुरा प्रभाव पड़ रहा है. ग्रामीणों के द्वारा लगातार शिकायत की जा रही है लेकिन प्रशासन ग्रामीणों की भी नहीं सुन रहा है. गोमती नदी में खनन कार्य और अधिसंख्या में चल रहे डम्पर के कारण न केवल गोमती नदी का प्रवाह थम गया है बल्कि पानी भी दूषित हो रहा है. बैजनाथ मंदिर से लगे झील बैराज में गोमती नदी का पवित्र जल अत्यन्त दूषित हो चुका है. झील की मछलियों पर भी संकट है. खनन के विरोध में रोपाई के खेतों से खनन रोकने महिलाऐं गोमती नदी में पहुची. गरुड़ कज्यूली में हो रहे खनन का विरोध सुरू हों गया है। कज्यूली गाव की महिलाये खेतों में अपना रोपाई का कार्य छोड़कर खनन कार्य को बंद कराने पहुंची। महिलाओं द्वारा कहा की जिस जगह पर खनन कार्य हों रहा है उसके बगल में ही लोगो की उपजाऊ भूमि है जिससे भूमि से लोगो का साल भर का राशन प्राप्त होता है। अगर इस तरह खनन होता रहा तो इन खेतों का बहना निश्चित है। सरकार को खनन कार्य करने से पहले खेतो के किनारे तटबंध लगाने चाहिएं थे। ग्रामीण कमला देवी, मुन्नी देवी, पुष्पा देवी, हंसी देवी, विमला देवी, राधा देवी ने जिला प्रशासन से जल्द इस पर विचार कर ठोस कार्यवाही करने की बात कहीं।

उपरोक्त अनियमित खनन से जून माह में बैजनाथ में पर्यटन सीजन भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा. झील में वाटर स्पोर्ट भी बुरी तरह प्रभावित हो गई  है. ओवर लोड ट्रक व डम्पर से गरुड़ क्षेत्र में सडक व पुलों के क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी पैदा हो रहा है. गोमती नदी में  बेतहाशा खनन बिना धर्म काटा के संचालित हो रहा है. क्षेत्रवासी दबी जुबान से कहने लगे हैं कि प्रशासन  को इस  मुद्दे की जाँच करनी चहिये या किसी प्रकार का राजनैतिक वरदहस्त खनन व्यापारियों को हासिल है ? खनन में पर्यावरण सुरक्षा का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है. गोमती में खनन अगर किया ही जाना अति आवश्यकत हो तो खनन सम्बंधित सभी नियमों का पालन सुनिश्चित  किया जाय. उपरोक्त खनन में अनियमितता की जाँच होनी चाहिए.

उपजिलाधिकारी गरुड़ को उक्त मामले की जानकारी गरुड़ सिविल सोसाइटी के संरक्षक डीके जोशी (अधिवक्ता ) ने पात्र द्वारा दी है उन्होंने लिखा है कि गरुड़ की पवित्र नदी गोमती में हो रहे गैर कानूनी खनन कार्य के सम्बन्ध में उपरोक्त सभी आरोपों की जाँच करने की कृपा करें जाँच रिपोर्ट में दोषी ठेकदारों के विरुद्ध विधि सम्यक कठोर कार्यवाही की जाय. जाँच पूर्ण होने तक उपरोक्त खनन को तत्काल प्रभाव से रोकने की कृपा करें अन्यथा उपरोक्त मामले में प्रशासन की उदासीनता व लापरवाही के विरुद्ध प्राथी को माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में जनहित याचिका दायर करने हेतु मजबूर होना पड़ेगा .

हरीश जोशी, लेखक व पर्यावरणविद – इतना तो तय है कि गरुड़ क्षेत्र में इतनी विकृति फैलती ही जा रही है। विकृत राजनीति ने प्राकृतिक संसाधनों का जो अवैज्ञानिक दोहन करना विगत लगभग डेढ़ दशक से शुरू किया है वो सब क्या उस प्रशासन की नजरों से छुपा हुआ है जिसे सुधी समाज चिंतकों को शिकायत दर्ज करा बताना पड़ता है। लूट खसोट का ये गठजोड़ बड़ा भयावह है और इसमें पक्ष विपक्ष एक होकर जमकर चांदी काट रहे हैं।