आंधी में उड़ी घर की छत

Vipin Joshi

जिन्दा रहने का संघर्ष अभी जारी है कैसे करू हर्षोउल्लास और प्यार की बातें , मेरे सामने टूटते दरकते घरों की कहानी मुह बाए खड़ी है.

बागेश्वर गरुड़ ,  हरी नगरी गाव में 20 मई 2024 की साम 6 बजे तेज आंधी में चन्दन राम के घर की छत हवा के साथ उड़ गई . घर में रखा राशन और जरुरी सामग्री भी तबाह हो गई . चन्दन राम हरी नगरी गाव में अपने परिवार के साथ रहते हैं परिवार में 7 सदस्य हैं . घर की छत टूट जाने से अब वे पड़ोस में अपने बड़े भाई के  घर में शरण लिए हुवे हैं . बारिश और आंधी के कारण मोबाइल नेटवर्क और लाइट की भी समस्या थी तो चन्दन राम के परिवारजन  किसी को त्वरित सहायता के लिए  भी नहीं कह पाए. ग्रामीण परिवेश में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए घर की  छत दुबारा बनाना एक तरह की चुनौती है. ज्ञात रहे कि हरिनगरी वही गाव है जहाँ गुलदार ने विगत दो साल पूर्व दो मासूम बच्चों को निवाला बनाया था. आंधी या बादल का फटना आपदा का रूप है . चन्दन राम को त्वरित राहत मिले बड़ा सवाल तो अभी यही है . उक्त मामले की जानकारी पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण आर्य ने देते हुवे बताया कि चन्दन राम की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब है ऐसे में उनको प्रशासनिक मदद की सख्त जरुरत है. गाँव के कुछ और ग्रामीणों ने अपने ख़स्ताहाल घरों के बारे में जानकारी दी. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कागज़ लगाये तो हैं अब इंतज़ार है पोर्टल के खुलने का लोक सभा चुनाव परिणाम आने के बाद शायद ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो , बहरहाल लोग इसी उम्मीद में जी रहे हैं कि आज नहीं तो कल उनके भी अच्छे दिन जरुर आयेंगे .