Vipin Joshi
बागेश्वर, गरुड़ विकासखंड की लाहूर घाटी सात दिनों से भारी बारिश और कड़क धूप के बीच अपनी मूलभूत मांगों के साथ अनिश्चित कालीन धरने पर बैठी है. धरना डाकघट बाज़ार में जुटा है. डाकघट एक छोटा सा क़स्बा है जो पूरी घाटी के लिए एक मिलन केंद्र भी है . प्रतिदिन इस आन्दोलन में सैकड़ो लोग बारी बारी से जुड़ रहे हैं. आन्दोलनकारियों की मांग और इनके संघर्ष को मैंने स्वर स्वतंत्र के माध्यम से कवर किया. 2 जुँलाई २०24 को गरुड़ तहसील दिवस के दौरान मेरी मुलाक़ात एस डी एम गरुड़ जितेन्द्र वर्मा और ए डी एम बागेश्वर से हुई और मैंने आप दोनों को लाहूर घाटी के आन्दोलन की मिडिया कवरेज से रूबरू करवाया. इसके बाद जिला पंचायत सदस्या इंद्रा परिहार का फोन डीएम बागेश्वर को गया और एसडीम गरुड़ ने अपनी टीम के साथ शाम को 4 बजे लाहूर घाटी का दौरा किया भारी बारिश के बाद भी एसडीम ने आन्दोलनकारियों से दो घंटे तक विचार विमर्श किया एसडीम जितेन्द्र वर्मा दरी में बैठ कर आन्दोलनकारियों के साथ भीगते हुवे अपनी बात भी रख रहे थे और ग्रामीणों को भी सुन रहे थे.
ग्रामीणों की पांच मुख्य मांगे हैं जिनमे शामिल हैं सुदूरवर्ती गाव सुराग, भगदानु को लिंक करना, लाहूर घाटी को गढ़वाल मार्ग से जोड़ना , पांडव स्थल को ट्रेक मार्ग से जोड़ना और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का उच्चीकरण करना साथ में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाना. ग्रामीण धरने पर डटे रहंगे जब तक उनकी मांगों पर लिखित कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती. काफी विमर्श के बाद ग्रामीण एसडीम गरुड़ के सुझाव पर सहमत हुवे शाम के पाच बजे सातवे दिन का धरना सम्पन्न हुआ और आन्दोलनकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बनाया गया जो आज 3 जुलाई को एसडीम कार्यालय में अपनी मांगों को लखित रूप में साझा करेगा. साथ में लाहूर घाटी में भी धरना जारी रहेगा, धरने को समाप्त करने की मांग को आन्दोलनकारियों ने खारिज कर दिया. धरना प्रदर्शन के सातवें दिन निम्न प्रतिनिधि मौजूद रहे . कु. चम्पा, प्रधान सुराग, इंद्रा परिहार, जिलापंचायत सदस्या, जितेन्द्र मेहता, पुर्व जिला पंचायत सदस्य, कैलाश पवार , एडवोकेट , आनन्द कुवर , नंदन आर्या , दीपक जोशी , गोपाल राम, सहित 50 ग्रामीण आज के धरने में मौजूद रहे .